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मोबाइल देखने की लत में बच्चो में अनिद्रा की समस्या, 8 घंटे की नींद है जरूरी

HARRY
27 Aug 2023 5:21 AM GMT
मोबाइल देखने की लत में बच्चो में अनिद्रा की समस्या, 8  घंटे की नींद है जरूरी
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मोबाइल एडिक्शन :अमेरिका में 42 फीसदी किशोर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं क्योंकि उन्हें पर्याप्त नींद नहीं मिल रही हैं। सिर्फ अमेरिका में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में यही हाल है बच्चों और किशोरों का मोबाइल-कंप्यूटर में ज्यादा देर तक आंखें गड़ाए रखना चिंता की एक बड़ी वजह बनता जा रहा है। सिएटल चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल में स्लीप सेंटर की प्रमुख चिकित्सक और बाल रोग विशेषज्ञ मेडा लिन चेन की मानें तो इसकी वजह से बढ़ती उम्र के बच्चे और किशोर अनिद्रा के शिकार हो रहे हैं। उनका कहना है, समस्या सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे किशोरों के मानसिक विकारों के शिकार होने की आशंकाएं भी बढ़ती जा रही हैं।

मेडा लिन चेन कहती है कि यह पता लगाने के लिए कई शोध जारी हैं कि स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताना 10 से 12 साल के बच्चों और किशोरों के कितना घातक है। एक शोध का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि अमेरिका में 42 फीसदी किशोर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं क्योंकि उन्हें पर्याप्त नींद नहीं मिल रही हैं। सिर्फ अमेरिका में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में यही हाल है। दुनियाभर में छह से 18 वर्ष की उम्र के 1,20,000 से अधिक युवाओं पर किए गए एक अध्ययन में अनिद्रा का शिकार बनाने में सोशल मीडिया को भी एक बड़ी वजह माना गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि टिकटॉक, इंस्टा पोस्ट और रील्स ने यह समस्या बढ़ाई ही है। बच्चे रील्स और पोस्ट करने वालों से इस कदर प्रभावित होते हैं कि उनकी हर गतिविधि से अपडेट रहना चाहते हैं।

इसलिए लगातार स्क्रॉल करते रहते हैं। पर्याप्त नींद लेना जरूरी दिमाग को दुरुस्त रखने के लिए अच्छी और गहरी नींद से बेहतर कुछ भी नहीं है, खासकर बच्चों के मामले में तो यह और भी जरूरी हो जाता है। कई चिकित्सक और वैज्ञानिक संगठन सिफारिश करते हैं कि बढ़ते बच्चों और किशोरों के लिए रात में नियमित तौर पर आठ से 10 घंटे सोना जरूरी है। हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि हाईस्कूल के पांच में से केवल एक छात्र ही ऐसा कर पाता है।

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