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सेक्स परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने वाली वियाग्रा के साइड इफेक्ट्स से बढ़ रही मुश्किलें, एक्सपर्ट कह रहे ये बात

Gulabi
22 Aug 2021 2:54 PM GMT
सेक्स परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने वाली वियाग्रा के साइड इफेक्ट्स से बढ़ रही मुश्किलें, एक्सपर्ट कह रहे ये बात
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वियाग्रा के साइड इफेक्ट्स

सेक्स परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए वियाग्रा जैसी दवा का इस्तेमाल दुनियाभर के कई देशों में किया जाता है. इस दवा को पुरुषों की यौन क्षमता से जोड़ा जाता है और जिनकी यौन क्षमता कमजोर होती है, डॉक्टर्स उन्हें इसे लेने की सलाह देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं डॉक्टर्स खुद वियाग्रा के इस्तेमाल को सुरक्षित नहीं समझते हैं.

वियाग्रा का इस्तेमाल करने वाले लोग ऐसा दावा कर चुके हैं कि इसे लेने के बाद उन्हें कानों में बहरेपन की दिक्कत का सामना करना पड़ा है. ब्रिटेन में वियाग्रा लेने वाले नौ लोगों ने बताया कि इस दवा का इस्तेमाल करने के बाद बीते पांच सालों में उन्होंने और भी कई साइड इफेक्ट झेले हैं.
प्लेबॉय बॉस के नाम से मशहूर ह्यूग हेफनर ने भी एक बार यह दावा किया था कि वियाग्रा के बहुत ज्यादा इस्तेमाल ने उन्हें बहरा बना दिया था. साल 2017 में 91 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था.
यह अन्य लोगों द्वारा बताए गए साइड इफेक्ट्स में से एक है, जिन्होंने बेडरूम में अपनी परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया था. वियाग्रा का इस्तेमाल करने वाले तीन लोगों ने कहा कि उन्हें प्राइवेट पार्ट से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ा. जबकि कुछ लोगों ने घंटों तक दर्द की शिकायत की.
रिपोर्ट के मुताबिक, सभी 543 साइड इफेक्ट्स वियाग्रा या मेडिकेशन के जेनरिक वर्जन सिल्डेनाफिल से जुड़े थे. यह आंकड़े साल 2017 के बाद के पीरियड को कवर करते हैं, जब फार्मेसियों में काउंटर पर दवा खरीदने की अनुमति के लिए कानून में बदलाव किया गया था.
वियाग्रा लेने वालों में और भी कई तरह के साइड इफेक्ट्स की शिकायतें सामने आई हैं. इसमें उल्टी, बेहोशी, पेट फूलना, कमर दर्द, कन्फ्यूजन और मेमोरी लॉस जैसे साइड इफेक्ट भी देखे गए हैं.
वियाग्रा का इस्तेमाल करने वाले एक यूजर ने तो ये भी बताया कि इसे लेने से उसकी आंखों की रोशनी पर काफी बुरा असर पड़ा है. इसका इस्तेमाल करने के बाद उसे हर जगह नीला-नीला सा दिखने लगा था.
फ्रंटियर इन न्यूरोलॉजी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, वियाग्रा के कारण आंखों में होने वाली इस समस्या के बाद इंसान रंगों की सही पहचान नहीं कर पाता है. इसका लगातार हाई डोज लेने से लोगों में अंधेपन की समस्या हो सकती है. इसलिए इसे सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही लिया जाना उचित है.
बता दें कि वियाग्रा पूरी दुनिया में अपनी जमीन खोती जा रहा है. साल 2019 की शुरुआत में ही अमेरिका में इसकी बिक्री में 9% की गिरावट दर्ज की गई थी. 2019 के समाप्त होते-होते कई बाजारों से यह ड्रग पूरी तरह गायब हो चुका है.
एक्सपर्ट कहते हैं कि इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी दिक्कतें होने पर लोग वियाग्रा का इस्तेमाल करते हैं. जब तक इरेक्टाइल डिसफंक्शन की शिकायतें सामने आती रहेंगी तब तक इसके इलाज के लिए लोग वियाग्रा का इस्तेमाल करते रहेंगे.
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