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लद्दाख घूमने जाएं तो इन चीजों को बिल्कुल भी ना करें मिस

SANTOSI TANDI
4 Sep 2023 7:10 AM GMT
लद्दाख घूमने जाएं तो इन चीजों को बिल्कुल भी ना करें मिस
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बिल्कुल भी ना करें मिस
यूं तो भारत में घूमने के लिए कई जगहें हैं, लेकिन लद्दाख घूमने का अपना एक अलग ही मजा है। यहां के लुभावने दृश्यों से लेकर साफ आसमान और कई बेहतरीन एडवेंचर्स एक्टिविटीज आपको एक अलग ही अनुभव करवाती हैं। यह धरती पर स्वर्ग का प्रतीक है और कश्मीर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।
हिमालयन रेंज और काराकोरम के बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरा हुआ यह स्थान आपको एक नया अनुभव करवाता है। लद्दाख में तिब्बती और भारतीय दोनों संस्कृतियों का अनुभव होगा। यहां ऐसी कई चीजें हैं, जिन्हें जरूर एक्सपीरियंस किया जाना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको लद्दाख में बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहिए-
पैंगोंग लेक को ना करें मिस
पैंगोंग लेक पूरी दुनिया की सबसे ऊंची खारे पानी की झील है, जो समुद्र तल से 4350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। लेह से लेक तक की यात्रा में लगभग पांच घंटे लगते हैं और यहां पर आने का अपना एक अलग ही अनुभव है। यह लेक का पानी साफ है और यह कई पक्षियों के लिए एक लोकप्रिय प्रजनन स्थल है।
दिस्किट मठ को ना करें मिस
लद्दाख में यूं तो कई मठ हैं, लेकिन इनमें सबसे लोकप्रिय मठों में से एक दिस्किट मठ है। इसे दिस्किट गोम्पा के नाम से भी जाना जाता है। लद्दाख के लेह जिले की नुब्रा घाटी के दिस्किट में सबसे पुराना और सबसे बड़ा बौद्ध मठ है। यह समुद्र तल से 10,315 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह मठ विशाल मैत्रेय बुद्ध प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है।
नुब्रा वैली को ना करें मिस
नुब्रा वैली जम्मू और कश्मीर का सबसे उत्तरी भाग है। यह नुब्रा वैली तिब्बत और कश्मीर के बीच स्थित है। लेह से लगभग 150 किमी दूर स्थित, नुब्रा वैली को लद्दाख के बगीचे के रूप में जाना जाता है। मूल रूप से इसे लडुमरा कहा जाता था जिसका अर्थ था फूलों की घाटी। अप्रैल से अगस्त के महीनों के दौरान घाटी खुबानी के पेड़ों से भर जाती है जिसका नजारा देखने लायक होता है। इसलिए, अगर इस दौरान आप यहां पर जाते हैं तो आपको नुब्रा वैली का दौरा अवश्य करना चाहिए।
द्रास वैली को ना करें मिस
अगर आप लद्दाख में घूमते हुए कड़ाके की ठंड का अनुभव करना चाहते हैं तो ऐसे में आपको द्रास वैली अवश्य जाना चाहिए। यह एक ऐसा स्थान है, जहां पर तापमान -40 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। इसे पृथ्वी के दूसरा सबसे ठंडे स्थान के रूप में जाना जाता है जो पूरे वर्ष बर्फ से ढका रहता है।
त्सोमोरीरी लेक को ना करें मिस लद्दाख की यह लेक बेहद ही खूबसूरत है और इसे माउंटेन लेक भी कहा जाता है। लद्दाख के चांगथांग क्षेत्र में स्थित, यह भारत की सबसे बड़ी ऊंचाई वाली झील है। यह झील लगभग 7 किमी चौड़ी और लगभग 19 किमी लंबी है। त्सोमोरीरी झील लेह शहर से लगभग 250 किमी दूर है और यहां पर आपको कई प्रकार की पक्षी प्रजातियों के साथ-साथ कभी-कभी हिम तेंदुए और तिब्बती भेड़िये को भी देख सकते हैं।
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