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गठिया के दर्द से हैं परेशान तो करें ये उपाय

Tara Tandi
13 Jun 2022 2:46 PM GMT
गठिया के दर्द से हैं परेशान तो करें ये उपाय
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अगर पैर की उंगलियों, घुटनों और एड़ी में तेज दर्द हो रहा है तो समझ लें कि खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अगर पैर की उंगलियों, घुटनों और एड़ी में तेज दर्द हो रहा है तो समझ लें कि खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ गई है। जब यूरिक एसिड हमारे हाथों और पैरों के जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा हो जाता है, तो इसे गठिया रोग कहा जाता है।

एक शोध के अनुसार बढ़ा हुआ यूरिक एसिड आपके जीवन को करीब 11 साल तक कम कर देता है और किडनी के साथ-साथ हृदय, मधुमेह, स्ट्रोक का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि इसे समय रहते नियंत्रित कर लिया जाए। जानिए कैसे आप कच्चे पपीते के सेवन से यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं-
पपीता यूरिक एसिड के मरीजों के लिए बहुत अच्छा होता है। क्योंकि इसमें 'पपैन' नामक प्रोटियोलिटिक एंजाइम होता है जो एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी है। यह शरीर को एक क्षारीय अवस्था में रखने में मदद करता है और रक्त में यूरिक एसिड के निर्माण को रोकने में मदद कर सकता है। साथ ही यह प्रोटीन को पचाने में मदद करता है।
आइए जानते हैं इसे बनाने की विधि-
2 लीटर साफ पानी लें और इसे उबाल लें। उसके बाद एक मध्यम आकार का कच्चा पपीता लें और उसे अच्छी तरह धो लें। फिर पपीते के बीज निकाल कर छोटे छोटे टुकड़े कर लीजिये। पपीते के इन टुकड़ों को उबलते पानी में डालकर 5 मिनट तक उबालें। फिर इसमें 2 चम्मच ग्रीन टी की पत्तियां डालकर कुछ देर और उबालें। अब पानी को छानकर ठंडा कर लें और दिन भर इसे पीते रहें। आपको अवश्य लाभ होगा।
आप चाहें तो पपीते की चाय का सेवन भी कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले एक बर्तन में 2 कप पानी डाल दें। अब लगभग 100 ग्राम कच्चे पपीते को छोटे-छोटे टुकड़ों में मिला लें। अब इसे गर्म होने दें। जब यह पानी उबलने लगे तो गैस बंद कर दें और पानी को छान लें और इसमें ग्रीन टी बैग डालकर चाय की तरह धीरे-धीरे पिएं।
आपको बता दें कि जब आप कुछ खाते हैं तो यूरिक एसिड बनता है। किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर करके शरीर से बाहर निकाल देती है। लेकिन जब किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर नहीं कर पाती है तो टखनों में तेज दर्द होने लगता है। पैरों में सूजन आ जाती है, शुगर ज्यादा हो जाती है, किडनी स्टोन के साथ किडनी फेल होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
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