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अगर आप भी पेट साफ की समस्या से हैं परेशान, तो अपनाएं आयुर्वेदिक नुस्खे

Triveni
10 Feb 2023 5:13 AM GMT
अगर आप भी पेट साफ की समस्या से हैं परेशान, तो अपनाएं आयुर्वेदिक नुस्खे
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कब्ज के कुछ संभावित कारणों में से एक डिहाइड्रेशन या बहुत कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाना शामिल हो सकता है।

कॉन्सटिपेशन जिसे हम हिंदी में कब्ज कहते हैं। इसकी शिकायत तब होती है जब आपको मल त्याग करने में कठिनाई होती है। इससे अत्यधिक तनाव हो सकता है और शौचालय में अधिक समय व्यतीत करने पर भी आपका पेट साफ नहीं होता। कब्ज के कारण अलग-अलग हो सकते हैं और इसे आमतौर पर किसी स्थिति के बजाय अंतर्निहित समस्या का लक्षण माना जाता है।

कब्ज के कुछ संभावित कारणों में से एक डिहाइड्रेशन या बहुत कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाना शामिल हो सकता है। अन्य, अधिक गंभीर मामलों में, कब्ज तनाव, हार्मोनल परिवर्तन, रीढ़ की हड्डी में चोट, मांसपेशियों की समस्याओं, कैंसर और पाचन तंत्र को प्रभावित करने वाली संरचनात्मक समस्याओं का परिणाम हो सकता है। लेकिन इसे लेकर घूबराने की भी आवश्यकता नहीं है। आयुर्वेद के पास हर समस्या का समाधान है, ऐसे ही कुछ आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।
वात दोष संतुलन आहार
आयुर्वेद के अनुसार, 'वात' मन और शरीर की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करता है। इसमें हवा और स्थान जैसे तत्व होते हैं और आमतौर पर शुष्क, हल्का, ठंडा, खुरदरा, गतिशील और हमेशा परिवर्तनशील होता है। वात दोष का मतलब शरीर में वायु और अंतरिक्ष तत्वों के असंतुलन से है। इस दौरान हमारे शरीर में होने वाली एक्टिविटी, नर्वस सिस्‍टम की एक्टिविटी और हमारे शरीर से निष्कासन की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। वात-संतुलित आहार में ताजा पका हुआ, संपूर्ण खाद्य पदार्थ शामिल होता है जो नरम या गूदेदार होते हैं। ये खाद्य पदार्थ प्रोटीन और वसा से भरपूर होते हैं और गर्मा गर्म परोसे जाते हैं। इसलिए कब्ज की शिकायत के दौरान ठंडे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से दूर रहें और गर्म खाद्य पदार्थ, गर्म पानी और अच्छी तरह से पकी हुई सब्जियों का सेवन करें।
त्रिफला
त्रिफला कब्ज दूर करने के लिए सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है। त्रिफला में ग्लाइकोसाइड होता है जिसमें रेचक गुण होते हैं। त्रिफला को आप गर्म पानी में मिलाकर चाय बना सकते हैं। आप एक चौथाई चम्मच त्रिफला में आधा चम्मच धनिया के बीज और एक चौथाई चम्मच इलायची के बीज भी मिला सकते हैं। इन्हें एक साथ पीसकर एक गिलास पानी में मिला लें। मल त्याग को प्रेरित करने के लिए यह सुपर प्रभावी साबित हो सकते हैं।
भुनी हुई सौंफ
अगर आपको कब्ज की समस्या है तो एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच भुनी और पिसी हुई सौंफ मिलाएं। सौंफ के बीजों का सेवन कुछ गैस्ट्रिक एंजाइमों का उत्पादन करने में मदद कर सकता है जो पाचन प्रक्रिया को बढ़ावा दे सकते हैं और स्वस्थ मल त्याग को बढ़ावा दे सकते हैं।
बेल पत्थर के फल का गूदा
बेल पत्थर का फल पेट के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। अगर आपको कब्ज की समस्या है तो शाम को खाने से पहले आधा कप बेल के गूदे को एक चम्मच गुड़ के साथ खाएं। इसके अलावा आप बेल का रस भी पी सकते हैं, इसमें थोड़े से इमली के पानी और गुड़ के साथ मिलाकर पिएं और फायदा महसूस करें। यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो बेल का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। साथ ही बहुत अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें क्योंकि यह आपके पेट को और खराब भी कर सकता है।
मुलेठी की जड़
मुलेठी में सूजन-रोधी प्रभाव होता है और यह पाचन में सहायता कर सकता है। एक कप गर्म पानी में एक चम्मच पिसी हुई मुलेठी की जड़ और एक चम्मच गुड़ मिलाएं। हालांकि, नियमित रूप से इसका सेवन करने से पहले किसी भी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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CREDIT NEWS: jagran

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