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डायबिटीज मरीज अगर रमज़ान के दौरान रोज़ा रखते है तो,जानें किस तरह अतिरिक्त ध्यान रखना चाहिए

Kajal Dubey
6 April 2022 4:18 AM GMT
डायबिटीज मरीज अगर रमज़ान के दौरान रोज़ा रखते है तो,जानें किस तरह अतिरिक्त ध्यान रखना चाहिए
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लगातार 30 दिनों तक लंबे और गर्म दिनों में बिना कुछ खाए-पिए रोज़ा करना चुनौतीपूर्ण होता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्करमज़ान का पाक महीना चल रहा है, इसमें मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे एक महीने तक रोज़ा रखते हैं, सूर्यास्त तक ना तो कुछ खाते हैं और ना ही कुछ पीते हैं। लगातार 30 दिनों तक लंबे और गर्म दिनों में बिना कुछ खाए-पिए रोज़ा करना चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में डायबिटीज मरीजों को अतिरिक्त ध्यान रखने और अपने ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखने की जरूरत होती है।

डॉ. ज्योतिदेव केशवदेव, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, ज्योतिदेव्स डायबिटीज रिसर्च सेंटर का कहना है, "डायबिटीज एक ऐसी समस्या है जिसमें नियमित रूप से नजर रखने की जरूरत होती है, जिससे आपके ग्लूकोज का स्तर सामान्य रेंज में रहे और घटने-बढ़ने की प्रक्रिया जितना संभव हो उतना कम हो। रमज़ान के दौरान, डायबिटीज पेशेंट्स को लगातार ध्यान रखने की जरूरत होती है, क्योंकि रोजे के दौरान वे 10-12 घंटे तक कुछ भी खाते-पीते नहीं हैं।"
मौजूदा समय में कई ग्लूकोज मॉनिटरिंग डिवाइस मौजूद हैं जो मधुमेह से पीड़ित लोगों को उनके 24 घंटे के ग्लूकोज प्रोफाइल को समझने में मदद करते हैं। कोई भी निरंतर ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग कर सकता है जो आपको कई बार चुभने के दर्द से बचने में मदद करता है और यह बहुत तेज और सटीक है। फ्री स्टाइल लिबरे जैसे सुविधाजनक पहनने योग्य उपकरण हैं जो उस समय में ग्लूकोज रीडिंग प्रदान करते हैं।
इन टिप्स पर करें गौर
इफ्तार और सेहरी के दौरान किन चीजों को शामिल करें- इफ्तार का खाना ऐसी चीजों के साथ शुरू करें जो सिंपल कार्बोहाइड्रेट से भरपूर हो और शरीर तुरंत ही उसे अवशोषित कर ले, जैसे 1-2 खजूर या दूध, इसके बाद कॉम्प्लैक्स कार्बोहाइड्रेट लें जैसे ब्राउन राइस और चपाती। सेहरी के दौरान, साबुत अनाज, सीरियल, सब्जियां ले सकते हैं और जितना हो सके उतनी देरी से लें। अगर चाहें तो मछली, टोफू और नट्स जैसे लीन प्रोटीन ले सकते हैं, क्योंकि ये ऊर्जा देते हैं। अंत में सोने से पहले एक गिलास दूध या फल लेने से सुबह तक शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
एक्सरसाइज रूटीन: अपने एक्सरसाइज रूटीन को बनाए रखने की कोशिश करें, लेकिन रोज़ा रखने के दौरान वर्कआउट थोड़ा कम कर दें। अगर ट्रेनिंग बहुत मुश्किल है तो वॉक या योगा जैसे ऑप्शन चुनें। रमज़ान के दौरान रेजिस्टेंस ट्रेनिंग से मसल्स की क्षति को रोकने में मदद मिल सकती है।
सोने का तरीका- पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है। नींद की कमी से हंगर हॉर्मोन प्रभावित हो सकता है, जिससे खाने वाले समय के दौरान हाई-कैलोरी फूड लेने से खुद को रोक पाना काफी मुश्किल हो जाता है। मेटाबॉलिक प्रक्रिया के लिए भी सोना जरूरी है। यह बात सामने आई है कि डायबिटीज मैनेजमेंट के लिए ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है।


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