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Home Remedy: बारिश में घर को सीलन से बचाने के लिए इन बातों का ध्यान

Sanjna Verma
21 July 2024 8:28 AM GMT
Home Remedy: बारिश में घर को सीलन से बचाने के लिए इन बातों का ध्यान
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Home Remedy : बारिश का मौसम अपने साथ कई परेशानियां लेकर आता है। गर्मी के बाद बरसात होने से शुरू में तो सब कुछ अच्छा लगता है, राहत और सुकून से दिल खुश हो जाता है। लेकिन जैसे-जैसे बारिश बढ़ती है मुसीबत भी बढ़ती जाती है। हर किसी के घर में सीलन की समस्या आने लगती है जिससे ना सिर्फ दीवार खराब होती हैं बल्कि देखने में भी गंदी लगती है।बारिश में सीलन से बचने के लिए समय रहते वॉटरप्रूफिंग जरूर करा लेनी चाहिए। जमीन के नीचे, छत, बाथरूम, किचन, बालकनी और बाहरी दीवारों पर वॉटरप्रूफिंग जरूर करानी चाहिए। इसके साथ ही दीवार के अंदर जहां पानी का पाइप जा रहा है, वहां भी करानी चाहिए। इसलिए हम आपको वॉटरप्रूफिंग को लेकर जरूरी जानकारी दे रहे हैं।
दो तरह की होती है वॉटरप्रूफिंग
Integral Waterproofing में वॉटरप्रूफिंग कंपाउंड को सीमेंट में मिलाकर प्लास्टर करने और दरारों को भरने में इस्तेमाल किया जाता है। जबकि Barrier Waterproofing में, वॉटरप्रूफिंग कंपाउंड का इस्तेमाल दीवारों पर सीधे पेंट करने में किया जाता है। ऐसे में आप जरूरत के हिसाब से एक या उससे ज्यादा कोटिंग कर सकते हैं।
इंजेक्शन का भी होता इस्तेमाल
वॉटरप्रूफिंग के और भी तरीके हैं जैसे कि छत या दीवार के क्रैक को भरने के लिए इंजेक्शन ग्राउटिंग का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें हाई प्रेशर में वॉटरप्रूफ केमिकल को दरारों में भरा दिया जाता है। प्रेशर की वजह से केमिकल अंदर तक चला जाता है और क्रैक पूरी तरह भर जाता है। ऐसे में सीलन की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
घर बनने के बाद भी करा सकते वॉटरप्रूफिंग
आप सोच रहे होंगे कि वॉटरप्रूफिंग घर बनते समय ही होना चाहिए तो ऐसा बिल्कुल भी जरूरी नहीं है। सीलन के बचने के लिए बाद में वॉटरप्रूफिंग करा सकते हैं, इस प्रोसेस में दीवार से पुराना पेंट निकालकर वॉटरप्रूफिंग कंपाउंड का इस्तेमाल किया जाता है। अब इसे सीमेंट में मिलाकर या पेंट की तरह दोनों ही प्रकार से कर सकते हैं।
सीमेंट नहीं पेंट से भर सकते दरारें
अक्सर लोग दरारों को भरने के लिए सीमेंट का
इस्तेमाल
करते हैं जबकि इससे सीलन की समस्या खत्म नहीं होती है। इसलिए दरारों को भरने के लिए वॉटरप्रूफिंग कंपाउंड का इस्तेमाल करना चाहिए। आप चाहें तो सीलन से बचने के लिए बाहरी दीवारों पर वॉटरप्रूफ पेंट भी करा सकते हैं। यह पेंट Plastic की तरह होता है, इसकी मदद से दरारों को आसानी से भर सकते हैं।
वॉटरप्रूफ पेंट इस तरह खरीदें
अगर आप वॉटरप्रूफ पेंट खरीद रहे हैं तो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें जैसे कि पेंट का फैलाव 200% से 600% के बीच होना चाहिए। दीवार के क्रैक भरने की क्षमता कम से कम 2mm की होनी चाहिए। जबकि पेंट सूखने के बाद दीवार पर पेंट की मोटाई 180 माइक्रोन से 240 माइक्रोन के बीच जरूर होना चाहिए।
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