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Heart Disease: युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के पीछे सबसे बड़ा कारण, ज्यादातर लोग इस ओर नहीं देते ध्यान

Renuka Sahu
16 March 2025 6:32 AM GMT
Heart Disease: युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के पीछे सबसे बड़ा कारण, ज्यादातर लोग इस ओर नहीं देते ध्यान
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Heart Disease: हृदय स्वास्थ्य की समस्याएं वैश्विक स्तर पर बढ़ती जा रही हैं। कम उम्र के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि हर साल लाखों लोगों की हार्ट अटैक और हृदय से संबंधित कई अन्य समस्याओं के कारण मौत हो जाती है।
हार्ट अटैक के बढ़ते जोखिमों के लिए मुख्यरूप से हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को प्रमुख माना जाता रहा है। लाइफस्टाइल-आहार और कई प्रकार की पर्यावरणीय स्थितियां इन जोखिम कारकों को बढ़ाने वाली हो सकती हैं। एक हालिया अध्ययन में विशेषज्ञों ने बताया कि बढ़ता प्रदूषण, विशेषकर ओजोन का स्तर युवा आबादी में हार्ट अटैक और हृदय से संबंधित स्वास्थ्य जटिलातओं को बढ़ाता जा रहा है।
हार्ट अटैक के बढ़ते जोखिमों के लिए मुख्यरूप से हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को प्रमुख माना जाता रहा है। लाइफस्टाइल-आहार और कई प्रकार की पर्यावरणीय स्थितियां इन जोखिम कारकों को बढ़ाने वाली हो सकती हैं। एक हालिया अध्ययन में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि बढ़ता प्रदूषण, विशेषकर पर्यावरण में बढ़ता ओजोन का स्तर भी युवा आबादी में हार्ट अटैक और हृदय से संबंधित स्वास्थ्य जटिलातओं का बड़ा कारण हो सकता है।
बढ़ते ओजोन के साथ हृदय की बढ़ रही हैं समस्याएं:
जियोहेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार मौसम में बदलाव और बढ़ते ओजोन के स्तर के कारण हृदय से संबंधित समस्याओं का जोखिम पिछले एक दशक में काफी तेजी से बढ़ा है।
अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि जलवायु परिवर्तन और वैश्विक आबादी की उम्र बढ़ने के कारण भविष्य में हृदय संबंधी बीमारियों में और वृद्धि हो सकती है। ओजोन एक गैस है, जो फोटोकैमिकल स्मॉग का मुख्य घटक है। ओजोन प्रदूषण तब उत्पन्न होता है, जब अन्य प्रदूषक सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आकर रासायनिक प्रतिक्रिया करते हैं।
अध्ययन में क्या पता चला?
अमेरिकी लोगों पर ये अध्ययन किया गया। इसमें 18 से 55 वर्ष की आयु के 2,322 मरीजों को शामिल किया गया जिनको पहले हार्ट अटैक हो चुका था। इनमें लगभग 70 फीसदी महिलाएं भी शामिल थीं। ये जानने के लिए कि ओजोन का क्या वास्तव में हार्ट पर असर होता है? शोधकर्ताओं ने मरीजों के घर के आसपास के ओजोन और पीएम 2.5 (2.5 माइक्रोमीटर या उससे छोटे सूक्ष्म कण) के स्तर की जांच की।
शोध में पाया गया कि ओजोन के उच्च स्तर में रहने वाले लोगों में कुछ ही दिनों के भीतर हार्ट अटैक के जोखिम काफी बढ़ जाते हैं।
हृदय की गंभीर समस्याओं का जोखिम
इसी तरह यूरोपियन सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी की एक रिपोर्ट कहती है कि जो लोग प्रदूषित वातावरण, विशेषतौर पर ओजोन के संपर्क में अधिक रहते हैं उनमें न सिर्फ हृदय रोगों का खतरा अधिक होता है साथ ही उनके आईसीयू में भर्ती होने की घटनाएं भी अधिक देखी जाती रही हैं।
चीन के शीआन जियाओटोंग विश्वविद्यालय में किए गए इस अध्ययन के लेखक प्रोफेसर शाओवेई वू कहते हैं, तीन साल के इस अध्ययन के दौरान देखा गया कि हृदय रोगों के कारण भर्ती होने वाले लोगों के अनुपात में वृद्धि के लिए ओजोन जिम्मेदार था। ऐसा माना जाता है कि जलवायु परिवर्तन, ओजोन के कारण हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर होता जा रहा है। ये आने वाले वर्षों में हृदय संबंधित बीमारियों के खतरे को और भी बढ़ाने वाली हो सकती है।
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