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Health Tips स्वास्थ्य सुझाव: भोजन का स्वाद बढ़ाने से लेकर बिगाड़ने तक में घर में यूज वाले नमक का बहुत बड़ा हाथ होता है। लेकिन अकसर नमक का जिक्र होते ही ज्यादातर लोग सिर्फ उससे जुड़े नुकसान की ही बात करते हैं। ऐसे में क्या आप ऐसे किसी नमक के बारे में जानते हैं, जो गैस, ब्लोटिंग से लेकर आपकी इम्यूनिटी तक को मजबूत बनाए रखने में मदद कर सकता है। जी हां, ऐसे ही एक नमक को पहाड़ी नमक के नाम से पहचाना जाता है। दरअसल, पहाड़ी नमक उत्तराखंड के हर घर में बनाकर तैयार किया जाता है, जिसे वहां की कई ट्रेडिशनल डिशेज का स्वाद बढ़ाने के लिए साथ में परोसा जाता है। पहाड़ी नमक को पहाड़ी लोग लोकल भाषा में 'पिस्यु लूण' के नाम से जानते हैं। पहाड़ की महिलाएं इस नमक को बनाने के लिए सिलबट्टे पर लहसुन, पुदीना, हरा धनिया, हरी मिर्च, जीरा, अजवाइन, काला नमक पीसकर तैयार करती हैं। इस नमक का नियमित सेवन व्यक्ति के पाचन को दुरुस्त रखकर गैस, ब्लोटिंग, सूजन और Seasonal Infections की समस्या में राहत देता है। आइए जानते हैं क्या हैं पहाड़ी नमक को बनाने का सही तरीका और सेहत के लिए इसे फायदे।
सेहत के लिए पहाड़ी नमक ('पिस्यु लूण') के फायदे-
हरा धनिया करता है मौसमी बीमारियों से बचाव-
पहाड़ी नमक में मौजूद धनिया एक अच्छा बॉडी बैलेंसर माना जाता है। इसके नियमित सेवन से आप मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं।
पुदीना से दूर होगी कोल्ड-कफ की समस्या-
पुदीना में पाया जाने वाला मेन्थॉल, बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा पुदीना में मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण स्किन प्रॉब्लम्स को भी दूर करने में मदद कर सकते हैं।
इम्यूनिटी करें बूस्ट-
पहाड़ी नमक में विटामिन-सी और कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करके कई तरह के संक्रामक रोगों का खतरा कम करते हैं।
त्वचा के लिए फायदेमंद-
पहाड़ी नमक में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं, जो त्वचा से जुड़ी कई परेशानियों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
गैस-ब्लोटिंग में राहत-
पहाड़ी नमक पाचन को बेहतर बनाकर गैस, ब्लोटिंग, सूजन जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
घाव ठीक करने में फायदेमंद-
पहाड़ी नमक में मौजूद हरे लहसुन में खास सल्फ्यूरिक कंपाउंड होते हैं, जो सेहत से जुड़े कई फायदे देते हैं। इसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुण एंटीऑक्सिडेंट का काम करते हैं। सर्दियों में लहसुन खाने से सर्दी-फ्लू से बचाव होता है और हाई ब्लडप्रेशर, स्ट्रोक, कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों को भी रोका जा सकता है। इसके अलावा लहसुन शरीर के अंदरूनी या बाहरी घाव को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। बता दें, फ्रेश हरे लहसुन में एलिसिन होता है, जो एक पावरफुल कंपाउंड है। ये एंटीबायोटिक के रूप में काम करके शरीर के बाहरी तथा अंदरूनी घावों को भरने में मदद कर सकता है।
उत्तराखंड के ‘पिस्यु लूण’ को बनाने का तरीका-
पहाड़ी नमक बनाने के लिए सबसे पहले grinding stonesस्टोन्स का यूज करें। यह नमक खासतौर पर सिलबट्टे पर पीसकर ही तैयार किया जाता है। जिससे इसका स्वाद , रंग और खुशबू और ज्यादा बढ़ जाते हैं। पहाड़ी नमक बनाने के लिए आपको 50 ग्राम लहसुन की पत्तियां, 10 ग्राम हरा धनिया, 10 ग्राम पुदीना,5 हरी मिर्च , 1 बड़ा चम्मच भुना हुआ जीरा पाउडर, 1 छोटा चम्मच अजवाइन, 5 बड़े चम्मच नमक,2 बड़े चम्मच काला नमक, 1 बड़ा चम्मच हल्दी सिलबट्टे पर रखकर दरदरा होने तक पीसनी है। इस नमक को पीसने के बाद इसे धूप में 12-15 घंटे रखकर अच्छी तरह सुखाकर ड्राई करके कांच के जार में स्टोर करके रख लें। आप इस नमक को रूम टेम्परेचर में रखकर एक साल तक के लिए स्टोर करके यूज कर सकते हैं।
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Sanjna Verma
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