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स्वास्थ्य समाचार: बारिश का पानी अब दुनिया में कहीं भी पीने योग्य नहीं: शोध

Bhumika Sahu
16 Aug 2022 9:33 AM GMT
स्वास्थ्य समाचार: बारिश का पानी अब दुनिया में कहीं भी पीने योग्य नहीं: शोध
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बारिश का पानी अब दुनिया में कहीं भी पीने योग्य नहीं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूरी दुनिया में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके कारण देश के कुछ हिस्सों ( भारत ) में भूमिगत जल भी पीने योग्य नहीं है। जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार, 18 राज्यों में 152 जिले ऐसे हैं जहां भूजल में प्रति लीटर 0.03 मिलीग्राम से अधिक यूरेनियम पाया गया है। 29 राज्यों के 491 जिलों के कुछ हिस्सों में भूजल में लौह तत्व 1 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है। इसी बीच एक नई रिसर्च सामने आई है, जिसमें पता चला है कि दुनिया के किसी भी हिस्से में अब बारिश का पानी पीने लायक नहीं रह गया है।

इसकी वजह बढ़ते प्रदूषण को बताया गया है। शोध से पता चला है कि अगर इंसान अब बारिश के पानी का इस्तेमाल पीने के लिए करें तो उन्हें गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। हालांकि, लोगों के बीच एक आम धारणा है कि बारिश का पानी शुद्ध होता है। कई इलाकों में इस पानी का इस्तेमाल पीने के लिए भी किया जाता है। लेकिन अब आपको इसके बारे में सोचना होगा। अनुसंधान से पता चला है कि पीएफएएस वर्षा जल में पाए जाते हैं। यह एक प्रकार का विषैला रसायन है। जिससे कई तरह की खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं। दूषित पानी पीने से मौत भी हो सकती है।
स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने किया शोध
स्वीडन की स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक दुनिया में ऐसी कोई जगह नहीं बची है जहां बारिश का पानी पीने के लिए सुरक्षित हो। अंटार्कटिका से तिब्बत तक वर्षा जल का परीक्षण किया गया है। जिसमें यह पाया गया है कि वर्षा का पानी पीने के लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करता है। इस पानी में कई तरह के रसायन निर्धारित मानकों से कई गुना ज्यादा पाए गए हैं।
शोध से पता चलता है कि अगर बारिश का पानी मानव शरीर में प्रवेश करता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। वर्षा जल को दूषित करने वाला रसायन पृथ्वी के वायुमंडल में इतना व्यापक है कि यह कभी खत्म नहीं होगा। यानी बहुत कोशिशों के बाद भी भविष्य में प्रदूषण पर काबू पाया जा सकता है, लेकिन बारिश का पानी धरती पर रहने वाले लोगों के लिए हमेशा दूषित और जहरीला रहेगा.
दूषित पानी से हो सकती हैं ये बीमारियां
हेपेटाइटिस
दस्त
आंत्र ज्वर
पेचिश
हैज़ा
सलमोनेलोसिज़
शिगेलोसिस


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