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Health Care: पीठ दर्द की वजह हो सकता है आपका गद्दा, स्लीप मैट्रेस को लेकर जाने बातें

Sanjna Verma
14 Jun 2024 3:57 PM GMT
Health Care: पीठ दर्द की वजह हो सकता है आपका गद्दा, स्लीप मैट्रेस को लेकर जाने बातें
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Health Care: कई लोगों को अकसर पीठ दर्द की शिकायत रहती है। बाहरी चोट, आघात जैसे कई कारणों से पीठ दर्द हो सकता है। गिरना, लंबे समय तक खड़े रहना, भारी वजन उठाना, लंबी दूरी की यात्रा करना, गर्भावस्था, रीढ़ में फैक्चर, मांसपेशियों में कमजोरी, मोटापा आदि के कारण यह हो सकता है। दर्द हल्का या गंभीर हो सकता है।
लोगों को नहीं है जानकारी
सभी प्रकार के पीठ दर्द के लिए हम आमतौर पर DOCTOR से परामर्श करते हैं लेकिन हम में से अधिकांश लोग विशेष रूप से पीठ दर्द के मामले में उचित बिस्तर या गद्दे का उपयोग करने के महत्व के बारे में नहीं जानते हैं। अधिकांश लोग परामर्श के बिना भी पीठ दर्द के लिए कठोर बिस्तर/कठोर गद्दे का उपयोग करना पसंद करते हैं। लेकिन सभी स्थितियों के लिए उचित बिस्तर या गद्दे की आवश्यकता होती है। चलिए जानते हैं कैसे
कुशन मैट्रेस हैं फायदेमंद
यदि रोगी पैरास्पाइनल मांसपेशियों में ऐंठन, मांसपेशियों की कमजोरी आदि से पीड़ित है तो उस स्थिति में हम एक कुशन मैट्रेस का उपयोग कर सकते हैं जो न तो सख्त होता है और न ही नरम। इसकी अनुपलब्धता है, तो आप हार्ड बैड की बजाय घर में बने गद्दे का उपयोग कर सकते हैं जो आपकी Paraspinal मांसपेशियों को आराम देगा और आपके दर्द को कम करने में मदद करेगा।
इस मामले में ना करें लापरवाही
इसके विपरीत, यदि रोगी को रीढ़ में फैक्चर है या रीढ़ की सर्जरी हुई है, तो रोगी को सख्त गद्दे या बिस्तर की सलाह दे सकते हैं ताकि वह तेजी से ठीक हो सके इसलिए पीठ दर्द से पीड़ित को सलाह दी जाती है कि वह इस मामले में लापरवाही न करे क्योंकि जल्द ठीक होने के लिए यह महत्वपूर्ण है।
ऑर्थोप्टिक मेट्रेस अच्छे से करते हैं सपोर्ट
यदि आप लंबे समय से पीठ के दर्द से परेशान है, तो Orthoptic Mattress सबसे अच्छा ऑप्शन है। इसे मुख्य रूप से पीठ, कंधे और गर्दन में दर्द के लिए डिजाइन किया गया है। यह बॉडी स्ट्रक्चर को अच्छी तरह से सपोर्ट देते हैं
गद्दे की ऊंचाई का भी रखें ध्यान
बैक पेन की शिकायत वाले लोगों को आमतौर पर 6-8 इंच की ऊंचाई वाले गद्दे पर सोना चाहिए। इसके अलावा, गद्दे की मोटाई/ऊंचाई का चयन करते समयअपने बिस्तर की ऊंचाई, अपनी नींद की स्थिति और अपने शरीर के प्रकार को ध्यान में रखें। नहीं तो आपकी तकलीफ और बढ़ सकती है।
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