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लाइफ स्टाइल
हीट स्ट्रोक से गड़बड़ा सकती है सेहत, गर्मी में शरीर को ठंडा रखे
HARRY
23 April 2023 5:37 PM GMT
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कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। जैसे
जनता से रिश्ता बेबडेस्क | गर्मियों में तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है। तेज धूप और उमस वाली गर्मी के कारण कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। भीषण गर्मी के कारण हीट स्ट्रोक और थकावट जैसी समस्याएं काफी अधिक महसूस होने लगती हैं। साथ ही लू लगने से भी तबीयत खराब हो सकती है। विशेषज्ञ लू या हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए शरीर को हाइड्रेट रखने की सलाह देते हैं। इसके लिए पानी, जूस, खीरा और फलों के सेवन करना चाहिए। हालांकि जब लोग धूप में लंबे समय के लिए रहते हैं या कोई थकावट वाला काम जैसे एक्सरसाइज आदि करते हैं, तब भी हीट स्ट्रोक होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर सही समय पर इसका उपचार न किया जाए तो स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। गर्मियों को खुद को हाइड्रेट रखने के साथ ही बढ़ते तापमान में शरीर को ठंडा रखने की जरूरत होती है। शरीर का तापमान बढ़ने से रोकने और बहुत अधिक गर्मी महसूस होने से बचने के लिए कुछ योगासनों का अभ्यास नियमित तौर पर करना चाहिए। योग हीट स्ट्रोक, लू और थकावट जैसी समस्याओं से राहत पहुंचा सकता है। अगली स्लाइड्स में जानिए बढ़ते तापमान के बीच शरीर को ठंडा रखने के लिए गर्मियों के योगासनों के बारे में।
बद्ध कोणासन
बद्ध कोणासन शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। इस आसन के अभ्यास से थकान व तनाव की समस्या नहीं होती और साइटिका व हार्निया में भी फायदा मिलता है। इस आसन को करने के लिए पैर सीधा करके बैठ जाएं। तितली आसन की तरह घुटने मोड़कर तलवे को एक दूसरे से टच कराएं। घुटनों को नीचे की ओर जमीन छूनें तक दबाएं। इस दौरान दोनों पैरों को हाथों से पकड़ें। ध्यान रखें कि शरीर के लचीले होने तक इस आसन को करें।
शीतली प्राणायाम
शीतली प्राणायाम के अभ्यास से भूख, प्यास कंट्रोल रहती हैं और मन को शांति मिलती है। इसके आसन के अभ्यास से ब्लड प्रेशर काबू में रहता है। इस आसन को करने के लिए सुखासन की मुद्रा में बैठकर श्वास अंदर लें। फिर मुंह बंद करके कुछ देर सांसों को रोक कर रखें। बाद में नाक से श्वास छोड़ें। इस प्रक्रिया को 10-11 बार दोहराएं।
भ्रामरी प्राणायाम
इस आसन करने के लिए सीधे बैठकर काम और आंख को क्रमश: मध्यमा और अनामिका उंगली से बंद करें। अब तर्जनी को माथे पर कनिष्ठिका को ठोढ़ी पर रखकर ओम का उच्चारण करें। ध्यान रखें कि आसन को बुजुर्गों को नहीं करना चाहिए।
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