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शाकाहारी लोगों के लिए अच्छी खबर- इनमें नसों के ब्लॉकेज का जोखिम कम

HARRY
4 Jun 2023 6:08 PM GMT
शाकाहारी लोगों के लिए अच्छी खबर- इनमें नसों के ब्लॉकेज का जोखिम कम
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कई रोगों से रह सकते हैं सुरक्षित

जनता से रिश्ता वेब्डेस्क | किस प्रकार का आहार सेहत के लिए अधिक लाभकारी है? यह चर्चा लंबे समय से होती रही है। तमाम अध्ययनों में अलग-अलग निष्कर्ष देखे गए हैं, हालांकि सभी में लगभग एक बात कॉमन जरूर है कि जो लोग शाकाहारी या प्लांट बेस्ड डाइट का पालन करते हैं, उन्हें अधिक स्वस्थ पाया गया है।

शोधकर्ता कहते हैं, मांसाहार जैसे चिकन-अंडे या रेड मीट निश्चित ही आयरन, प्रोटीन जैसे तत्वों से भरपूर होते हैं पर दीर्घकालिक रूप में प्लांट बेस्ड डाइट लेने वालों में गंभीर रोगों के विकसित होने का जोखिम कम देखा गया है।

मांसाहार और शाकाहारी भोजन, कौन से अधिक लाभकारी हो सकते हैं, यह जानने के लिए शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन किया, जिसमें पाया गया कि मांस खाने वालों की तुलना में, शाकाहारी या प्लांट बेस्ड डाइट का पालन करने वाले लोगों के ब्लड में फैट या किसी जमाव का जोखिम कम पाया गया। यह धमनियों को अवरुद्ध होने से बचा सकता है, जिससे संभवतः हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का जोखिम कम होता है। मसलन शाकाहारी आहार का पालन करके आप हृदय को स्वस्थ रख सकते हैं।पिछले माह 24 मई को इस अध्ययन के परिणामों के निष्कर्ष यूरोपीय हार्ट जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं। इसमें शोधकर्ताओं ने बताया कि वैश्विक स्तर पर प्लांट बेस्ड डाइट से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के कारण इसकी मांग काफी तेजी से बढ़ी है। बड़ी संख्या में लोगों ने या तो मांसाहार से दूरी बनाई है या फिर इसे कम किया है।

साल 1982 से 2022 के बीच किए गए इस शोध में लोगों की आहार प्रणाली का बारीकी से अध्ययन किया गया।अलग-अलग स्थानों पर किए गए अध्ययनों में, शोधकर्ताओं ने कुछ लोगों को लगभग 7 महीने तक सर्वभक्षी आहार (मांस, डेयरी और प्लांट बेस्ड) का सेवन करने की सलाह दी। अन्य लोगों को शाकाहारी भोजन या मांसाहारी भोजन करने के लिए कहा गया। अध्यययन के निष्कर्ष में देखा गया कि जो लोग पौधे-आधारित आहार खाते थे, उनमें अन्य डाइट प्लान वालों की तुलना में टोटल ब्लड फैट का स्तर कम था।

विशेष रूप से, प्लांट बेस्ड डाइट का पालन करने वाले लोगों में कोलेस्ट्रॉल 7% कम, लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल 10 फीसदी और एपोलिपोप्रोटीन बी (एपीओबी) का स्तर 14 प्रतिशत कम देखा गया। इन सभी का बढ़ा हुआ स्तर हृदय को नुकसान पहुंचा सकती है। गौरतलब है कि एपीओबी, बैड कोलेस्ट्रॉल में पाया जाने वाला मुख्य प्रोटीन है और इसे हृदय रोगों के कारक के तौर पर जाना जाता है।

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