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साल बढ़ रहे हैं, लेकिन क्या आपको जानकारी है कि भारत में हड्डियों की एक खतरनाक बीमारी के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं. देश में 6 करोड़ लोग ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी का शिकार हो चुके हैं. इनमें करीब 80 फीसदी महिलाएं हैं. यानी करीब 5 करोड़ महिलाओं को ये डिजीज हो चुकी है. हर साल इसका दायरा बढ़ता ही जा रहा है. पहले ये बीमारी 50 साल की उम्र के बाद होती थी, लेकिन अब 30 से 40 आयु वर्ग में भी इसके केस बढ़ रहे हैं. इस बीमारी में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. जिससे जीवन काफी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में आपको ऑस्टियोपोरोसिस को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है.
क्या होती है ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी
ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों की एक बीमारी है, जिसमें हड्डियों की डेंसिटी कम हो जाती है और उनमे हल्के छोटे छेद भी हो सकते हैं. शुरुआत में हड्डियों में कमजोरी आती है और समय पर ट्रीटमेंट न होने से ये ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी बन जाती है. अब युवा आबादी में भी इस बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं. भारत में करीब 61 मिलियन लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस है जिसमें 80 फीसदी महिलाएं हैं. ऐसे में महिलाओं को इसके बारे में सतर्क रहने की जरूरत है.
ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर पीठ में लगातार दर्द रहना और व्यक्ति की हाइट में कमी तक आ सकती है. अगर रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हो जाता है तो ये व्यक्ति को दिव्यांग बना सकता है. इससे रूटीन लाइफ पर काफी ज्यादा असर पड़ता है. इससे पीड़ित मरीज की जिंदगी काफी मुश्किल हो जाती है. अगर किसी बुजुर्ग को ये बीमारी हो जाए तो उनके लिए काफी मुश्किल हो जाती है. बढ़ती उम्र में हड्डियों का फ्रैक्चर घातक बन जाता है.
क्या होते हैं लक्षण
पीठ में दर्द
हड्डियों का कमजोर होना
पोस्चर का खराब होना
जोड़ों में दर्द
कैसे करें बचाव
डॉक्टर बताते हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिए डाइट का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. अगर शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी अच्छी मात्रा में होगा तो इस बीमारी से लड़ने में मदद मिल सकती है. इसके साथ ही रोजाना एक्सरसाइज करना भी फायदेमंद होता है. लोगों को यह भी सलाह है कि वे शराब का सेवन और धूम्रपान न करें. इस बीमारी की पहचान के लिए बोन डेंसिटी टेस्ट करा लें.
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