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बीपी से लेकर इन बीमारियों तक कंट्रोल करें सहजन की पत्तियां
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | सहजन की पत्तियों का प्रयोग हजारों साल से आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने के लिए किया जाता रहा है. इसमें विटामिन, खनिज पदार्थ, एंटीऑक्सीडेंट, क्लोरोफिल और पूर्ण अमीनो-एसिड पाई जाती है. ताजी पत्तियों की तुलना में इसे सुखाकर पाउडर के रूप में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि सहजन की पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन सी, बीटा कैरोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट के अलावा एस्कॉर्बिक एसिड, फोलिक और फेनोलिक मिलते हैं और लगभग 40 से अधिक प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. यही नहीं, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इन्फलामेशन गुण भी इसमें होते हैं जिस वजह से इनका प्रयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है. आइए जानते हैं कि सहजन की पत्तियां किन बीमारियों में फायदमेंद हैं.
डायबिटीज
सहजन की पत्तियों के अर्क में मधुमेह विरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जिस वजह से ये मधुमेह रोगी के लक्षणों को कम करने में सहायक होती हैं. ये इंसुलिन के स्तर और संवेदनशीलता को भी बढ़ा सकती हैं जिससे मधुमेह रोगी को फायदा मिलता है.
हार्ट के लिए अच्छासहजन की पत्तियों के फायदे आपके दिल को खराब कोलेस्ट्रॉल के प्रभाव से बचा सकते हैं. इन पत्तियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड की अच्छी मात्रा होती है जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकती है जिससे हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है.
बीपी को रखे कंट्रोल में
सहजन की पत्तियों में पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है जो रक्तचाप को कम करने में प्रभावी होता है. पोटैशियम वैसोप्रेसिन (vasopressin) को नियंत्रित करता है और यह हार्मोन रक्तवाहिकाओं के कामकाज को प्रभावित करता है. सहजन की पत्तियों के सेवन से उच्च रक्तचाप रोगियों को फायदा मिलता है.
कैंसर के खतरे को करता है कम
कैंसर के लक्षणों को कम करने के लिए सहजन की पत्तियों का उपयोग किया जा सकता है. सहजन की पत्तियों में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, जस्ता और अन्य सक्रिय घटक होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं और फ्री रेडिकल्स के प्रभावों को कम करने में सहायक हैं.
लीवर स्वस्थ रखे
सहजन के पत्तों के रस में सिलिमारिन जैसे घटक होते हैं जो लिवर एंजाइम फंक्शन को बढ़ाते हैं. यह घटक यकृत को भी प्रारंभिक क्षति से भी बचाता है जो उच्च वसा के सेवन या यकृत रोग के कारण होती है.
आंखों के लिए बेस्ट
सहजन के पत्तों में विटामिन ए उच्च मात्रा में होता है जो गाजर की तुलना में 4 गुना अधिक है. सहजन के पत्तों में ल्यूटिन भी अच्छी मात्रा में होता है जो ग्लूकोमा को रोक सकता है.
इम्यूनिटी मजबूत करता है
सहजन के पत्तों में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन होते हैं जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं की कार्य क्षमता को बढ़ाने और वायरस या बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं.
एनीमिया से बचाता है
100 ग्राम सहजन पत्ते के पाउडर में कम से कम 28 मिली ग्राम आयरन होता है जो अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में बहुत अधिक है इसलिए इससे एनीमिया के लक्षणों को कम करने में भी मदद मिलती है.
कब्ज की समस्या करता है दूर
सहजन में मौजूद फाइबर हमारी आंतों में जमा किसी भी हानिकारक पदार्थ को आसानी से दूर कर सकता है जिस वजह से सहजन की पत्तियों का इस्तेमाल कब्ज से बचाने में लाभकारी सिद्ध होता है.
पथरी के दर्द में मिलता है आराम
सहजन के पत्ते की सब्जी के नियमित सेवन से गुर्दे की पथरी में राहत मिलती है. इसमें मौजूद पोषक तत्व गुर्दे की पथरी को तोड़ने और मूत्र के माध्यम से इसे बाहर निकालने में सहायक होते हैं.
ब्रेन हेल्थ के लिए बढ़िया
इसमें आयरन, जस्ता, ओमेगा-3 फैटी एसिड और अन्य पदार्थ होते हैं जो मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक होते हैं. ओमेगा-3 मस्तिष्क की स्मृति को बेहतर बनाने में सहायक होता है. सहजन के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को भी कम करते हैं.
वजन करे कम
सहजन की पत्तियों में फाइबर की मात्रा बहुत होती है जो भोजन को पचाने और भूख को नियंत्रित करने में सहायक होती है जिससे आप लंबे समय तक बिना खाए रह सकते हैं. इस गुण के कारण यह हमारे वजन को कम करने में सहायक होती है.