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किन कारणों से आपका बच्चा चुप हो सकता है, जानिए इसके लक्षण

Tara Tandi
15 July 2022 7:11 AM GMT
किन कारणों से आपका बच्चा चुप हो सकता है, जानिए इसके लक्षण
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जब भी हम तनाव या डिप्रेशन की बात करते हैं, तो हमें वयस्कों, कामकाजी लोगों का ख्याल दिमाग में आता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जब भी हम तनाव या डिप्रेशन की बात करते हैं, तो हमें वयस्कों, कामकाजी लोगों का ख्याल दिमाग में आता है, लेकिन क्या आपको पता है कि अब बच्चे भी डिप्रेशन या तनाव का शिकार हो रहे हैं. इसकी पहचान बच्चे का स्कूल में या किसी भी सार्वजनिक जगह पर गुमसुम रहने से की जा सकती है. अब क्या वजह है कि आपका बच्चा स्कूल में गुमसुम रहता है. उस वजह को जानने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप अपने बच्चे पर नजर बनाए रखें. बच्चे के दोस्तों, उसके स्कूल टीचर्स का व्यवहार, पढ़ाई लिखाई में उसका मन लगता है या नहीं, किस तरह की गतिविधियों में बच्चे का मन लगता है या और तमाम चीजें, जो आपके बच्चे से जुड़ी हैं. आइए जानते हैं कि इसके लक्षण क्या हैं और किन वजहों से आपका बच्चा गुमसुम हो सकता है.

क्या हो सकती हैं वजह?
चाइल्डमाइंड की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे के गुमसुम रहने की सबसे पहली वजह हो सकती है कि बच्चा जिस माहौल में पढ़ रहा है वह उसे पसंद नहीं आ रहा है. उस जगह पर उस माहौल के साथ वह तालमेल नहीं बैठा पा रहा है जहां वह खुद को सुरक्षित या कंफर्टेबल महसूस करे. छोटी उम्र के बच्चों का किसी भी जगह पर सुरक्षित और कंफर्टेबल महसूस करना बेहद जरूरी होता है. अगर वह ऐसा महसूस नहीं करते हैं तो वह अक्सर गुमसुम या वहां डरे हुए रहते हैं. दूसरी वजह हो सकती है कि बच्चे का पढ़ाई में मन ना लगना या फिर अध्यापक के साथ अच्छा तालमेल ना होना. कई स्कूलों में ऐसा होता है कि अध्यापक बच्चों के मनोभाव को नहीं समझ पाते हैं. बच्चे ज्यादा संवेदनशील होते हैं और उन पर शिक्षकों की बातों का असर पड़ता है. अक्सर वो इसकी वजह से भी गुमसुम नजर आ सकते हैं.
किस तरह परेशानी से करें बचाव?
माता पिता का व्यवहार, कई बार माता-पिता को लगता है कि वह सब कुछ सही कर रहे हैं. लेकिन बच्चे के लिए वही बातें परेशानी का कारण हो सकती हैं. इसलिए माता-पिता को सबसे ज्यादा ध्यान रखना चाहिए कि वह जो कुछ कर रहे हैं, जैसा भी उनका व्यवहार है उसके प्रति उनके बच्चे का नजरिया क्या है. अगर माता-पिता उस नजरियों को समझे बिना लगातार बच्चे के साथ व्यवहार करते रहेंगे तो भी वह खुद को सभी से कटा हुआ महसूस कर सकता है और जब भी उसको अपना समय मिलेगा, खास करके स्कूल में तो वो अकेले या गुमसुम बैठना पसंद करेगा. अगर आपका बच्चा भी इस तरीके की समस्या से जूझ रहा है तो सबसे पहले अपने आसपास और बच्चे के आसपास देखने की कोशिश करें. उससे जुड़े हुए लोगों को परखें और खुद को भी परखें. अगर इसके बाद भी आपको ना समझ में आए तो डॉक्टर के पास जाने की कोशिश करें और अपने बच्चे के बारे में डॉक्टर से कंसल्ट करें.
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