लाइफ स्टाइल

डायबिटीज में भी अगर करते हैं स्मोकिंग? तो ऐसे हो रहा हार्ट और किडनी को नुकसान

Kajal Dubey
15 Jun 2023 11:02 AM GMT
भारत डायबिटीज के मरीजों की संख्या के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है। यह तो हम सभी जानते है कि डायबिटीज को एक क्रॉनिक डिजीज कहा जाता है क्योंकि इस डिजीज को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता। जी हां, एक बार डायबिटीज होने के बाद उसको ठीक नहीं किया जा सकता। डायबिटीज इंसान को धीरे-धीरे मारने लगती है। इससे बचने का एक ही तरीका है। अपनी बची-खुची ज़िंदगी दवाओं के सहारे गुजार देना। हालाकि, डायबिटीज की समस्या को डाइट और लाइफस्टाइल मेंबदलाव करके कंट्रोल में किया जा सकता है।
डायबिटीज की समस्या एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसमें मरीज़ के शरीर के रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर बहुत अधिक होता है। जब, व्यक्ति के शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन (Insulin) नहीं बन पाता है और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया नहीं कर पाती हैं। इसके कारण शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।
जैसा की हमने आपको ऊपर बताया कि डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करके डायबिटीज को कंट्रोल में रखा जा सकता है इसके बावजूद बहुत से ऐसे लोगभी हैं जो डायबिटीज की समस्या से पीड़ित होने के बाद भी स्मोकिंग करते हैं। जो की काफी खतरनाक साबित हो सकता है। जब डायबिटीज के मरीज धूम्रपान करते हैं तो इससे उनका ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। इस स्थिति में डायबिटीज को मैनेज करना आपके लिए काफी मुश्किल साबित हो सकता है। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में यह बताना चाहते है कि अगर आपको डायबिटीज है और आप स्मोकिंग भी करते हैं तो इससे आपको किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
धमनियों का कठोर होना
डायबिटीज के मरीज अगर स्मोकिंग करते है तो उनकी धमनियां काफी ज्यादा कठोर होने लगती हैं जिससे आगे चलकर उनकी समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है।
हृदय संबंधित परेशानी
डायबिटीज मरीज धूम्रपान और तम्बाकू आदि चीजों का सेवन करते हैं तोउन्हें हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में हार्ट अटैक का जोखिम काफी हद तक बढ़ जाता है।
किडनी संबंधित दिक्कतें
डायबिटीज के साथ धूम्रपान का सेवन यानी किडनी से संबंधित बीमारियों के बढ़ने का खतरा साथ ही आंखों के इंफेक्शन का खतरा काफी हद तक बढ़ सकता है।
ग्लूकोज का लेवल कम-ज्यादा होना
अगर आप डायबिटीज के साथ ही धूम्रपान करते हैं तो इससे शरीर में ग्लूकोज का लेवल कम या ज्यादा हो सकता है ऐसे में इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता हैजिससे आपकी स्थिति और भी ज्यादा खराब हो सकती है।
ऐल्ब्युमिनमेह
ऐल्ब्युमिनमेह की समस्या होने पर यूरिन में असामान्य मात्रा में ऐलब्युमिन पाया जाता है। यह एक प्रकार का प्रोटीन होता है।सामान्य अवस्था में सभी के यूरिन में ऐल्बुमिन पाया जाता है लेकिन किडनी की बीमारी के कारण यूरिन में ऐल्बुमिन की मात्रा बहुत बढ़ जाती है। इस बीमारी के कारण नर्व्स डैमेज होने का खतरा काफी ज्याद बढ़ जाता है साथ ही घावों को भी ठीक होने में काफी ज्यादा समय लगता है।
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