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लाइफ स्टाइल
पहले ये था कीवी फल का नाम, जानिए इस फल की विशेषता
Apurva Srivastav
24 April 2021 9:55 AM GMT
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पौष्टिकता से भरपूर कीवी फल को लोग बड़े पसंद से खाते हैं
पौष्टिकता से भरपूर कीवी फल को लोग बड़े पसंद से खाते हैं. इसमें कई तरह की विटामिन प्रचुर मात्रा में होती है. कोरोना महामारी के दौर में इस फल की बिक्री काफी बढ़ गई है. यह विटामिन सी का एक बड़ा स्रोत माना जाता है. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में डॉक्टर विटामिन सी की मात्रा बनाए रखने के लिए इस तरह के फल खाने की सलाह देते हैं. आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि कीवी फल की खेती भारत में पहले नहीं होती थी.
कीवी फल को भारत में सबसे पहले बेंगलुरु में लगाया था. पौधा तो लग गया लेकिन फल नहीं आया. यह पौधा टेम्परट क्लाइमेट का है. इसे ठंड की जरूरत होती है. यहीं कारण है कि बेंगलुरु में पौधे में फल नहीं आ सका. इसके बाद अखिल भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र शिमला में 70 के दशक में कीवी फल को लाया गया. इस पर वैज्ञानिकों ने शोध करना शुरू किया और 90 के दशक तक आते-आते हिमाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर इसकी खेती होने लगी.
क्यों नाम पड़ा कीवी फल?
कीवी फल को पहले चाइनीज गुजबेरी के नाम से जाना जाता था. लेकिन 1960 के बाद न्यूजीलैंड में इस फल का व्यवसायीकरण होने लगा. इसी के बाद से से इसका नाम कीवी फल रखा गया. कहा जाता है कि इस फल का आकार न्यूजीलैंड की राष्ट्रीय पक्षी के जैसा है, इसीलिए इसका नाम कीवी रखा गया है.
कहां कर सकते हैं कीवी फल की खेती?
कीवी फल पहाड़ी इलाकों में होता है. समुद्र तल से 900 से 1800 मीटर की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक इसे उगाया जा सकता है. जो क्षेत्र सेब के उत्पादन के लिए गर्म तथा नींबू, आम प्रजाति के लिए ठंडे हैं, वहां पर इसकी बागवानी की जा सकती है. यह फल बेल पर लगता है. इसमें नर तथा मादा दोनों पौधे लगाने पड़ते हैं. तुड़ाव के बाद ग्रेडिंग करनी पड़ती है. वजन के हिसाब से ग्रेडिंग की जाती है. 200 दिन में यह फल तैयार हो जाता है है.
इसकी रोपाई के समय पौधे से पौधे की दूरी 6 मीटर रखी जाती है. एक लाइन से दूसरी लाइन 4 मीटर की दूरी पर रह सकती है. एक हेक्टेयर में कीवी फल के 416 पौधे लगा सकते हैं. इसमें एक बार का निवेश भी होता है, जिसमें आप एक टी शेप की लोहे की लाइन बनाते हैं. जलवायु परिवर्तन के कारण बीमारियां बढ़ रही हैं, लेकिन इस पर अभी तक किसी भी बीमारी का प्रकोप नहीं पड़ा है.
हिमाचल के अलावा अब अन्य राज्यों में भी हो रही खेती
हिमाचल प्रदेश में कीवी फल की व्यावसायिक खेती होती है. अब भारत के कई राज्यों मसलन, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, मणिपुर, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में लोग खेती कर रहे हैं. कमाई ज्यादा होने के चलते इसकी तरफ किसानों का रुझान बढ़ा है.
कीवी फल की विशेषता
कीवी फल अक्टूबर मध्य से नवंबर मध्य तक पक कर तैयार हो जाता है. इस समय सेब बागान में नहीं होते और तभी इसकी पैदावार बाजार में पहुंचती है. यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है. इसमें विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है. 100 ग्राम कीवी फल में 100 मिली विटामिन सी होता है. यह एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है. इसके अलावा कीवी फल में पोटैशियम और फास्फोरस की भी मात्रा होती है. पोटैशियम हाई ब्लड प्रेशर के लिए दवाई के रूप में भी काम करता है.
नॉर्वे में हुए एक शोध में बताया गया था कि इसका इस्तेमाल सेवन डिस्प्रिन थैरेपी के रूप में कर सकते हैं. यह ब्लड थिनर का रोल भी प्ले करता है. ऐसा कहा जाता है कि कीवी फल डेंगू के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है.
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