लाइफ स्टाइल

खराब लाइफस्टाइल की वजह से युवाओं में बढ़ रही है पीठ दर्द की समस्या, साल 2050 तक करोड़ों लोग हो सकते हैं शिकार

suraj
27 May 2023 11:58 AM GMT
खराब लाइफस्टाइल की वजह से युवाओं में बढ़ रही है पीठ दर्द की समस्या, साल 2050 तक करोड़ों लोग हो सकते हैं शिकार
x

लाइफस्टाइल में गड़बड़ी, मौजूदा समय की लगभग 60 फीसदी बीमारियों का प्रमुख कारण है। लोगों में बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता, एक जगह पर लंबे समय तक बैठकर काम करते रहने की आदत और व्यायाम की कमी ने कई क्रोनिक स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को काफी बढ़ा दिया है। इसे हृदय रोगों से लेकर डायबिटीज, मोटापे जैसी शारीरिक स्थितियों का कारण माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यदि हम सभी सिर्फ लाइफस्टाइल की दिक्कतों को ही ठीक कर लें तो कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव कर सकते हैं।

एक हालिया रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने खराब लाइफस्टाइल के ही कारण बढ़ती पीठ-कमर दर्द की समस्याओं को लेकर चिंता जताई है। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि वैश्विक स्तर पर 50 करोड़ से अधिक लोग गंभीर कमर दर्द की समस्या के शिकार हैं, साल 2050 तक यह आंकड़ा बढ़कर 80 करोड़ तक पहुंचने की आशंका जताई गई है।

बढ़ रहे हैं कमर दर्द के मामले

जर्नल लैंसेट रुमेटोलॉजी में प्रकाशित एक विश्लेषण के अनुसार, साल 2050 तक दुनियाभर में 800 मिलियन (80 करोड़) से अधिक लोगों में गंभीर पीठ दर्द की समस्या होने का जोखिम हो सकता है। शोधकर्ताओ ने चिंता जताते हुए कहा है जिस तरह से लाइफस्टाइल की समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं और इसमें सुधार के लिए कोई खास प्रयास भी नहीं देखा जा रहा है, ऐसे में अगले एक-डेढ़ दशकों में इसका जोखिम, साल 2020 की तुलना में 36 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।

'एन एनालिसिस ऑफ द ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2021' अध्ययन से पता चला है कि 2017 के बाद से कमर-पीठ दर्द के मामलों की संख्या आधे अरब से अधिक दर्ज की गई है। इसके अलावा 2020 में पीठ दर्द के लगभग 619 मिलियन (61.9 करोड़) मामले सामने आए।

क्या कहते हैं अध्ययन?

सिडनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक पिछले 30 वर्षों के दौरान एकत्र किए गए आंकड़े एशिया और अफ्रीकी देशों में पीठ दर्द के बढ़ते मामलों के बारे में अलर्ट करते हैं। 204 से अधिक देशों के साल 1990 से 2020 के आंकड़ों के आधार पर पता चलता है कि पीठ दर्द के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मॉडलिंग अध्ययनों में अनुमान लगाया गया है कि साल 2050 तक लाइफस्टाल की समस्याओं के अलावा जनसंख्या वृद्धि और उम्र बढ़ने के कारण 843 मिलियन लोग (84.3 करोड़ से अधिक) लोग इस समस्या के शिकार हो सकते हैं।

शोधकर्ताओं ने कहा कि कमर दर्द के इलाज के लिए दृष्टिकोण की कमी और सीमित उपचार विकल्पों के कारण इसका खतरा और भी अधिक हो सकता है। समय पर अगर इसपर ध्यान न दिया जाए और उपचार न मिल पाए तो यह खराब क्वालिटी ऑफ लाइफ की समस्याओं के साथ दुनियाभर में विकलांगता का प्रमुख कारण हो सकता है।

क्या है विशेषज्ञों की सलाह?

सिडनी विश्वविद्यालय में मस्कुलोस्केलेटल हेल्थ के मुख्य लेखक प्रोफेसर मैनुएला फेरेरा कहते हैं, पीठ दर्द से जुड़े कम से कम एक तिहाई मामले व्यावसायिक कारकों, धूम्रपान और अधिक वजन से संबंधित हो सकते हैं। एक व्यापक गलत धारणा यह है कि पीठ दर्द मुख्यरूप से कामकाजी उम्र के वयस्कों को ही प्रभावित करता है, जबकि लाइफस्टाइल की समस्या के कारण किसी भी व्यक्ति को यह दिक्कत हो सकती है।

सभी लोगों को इन समस्याओं से बचाव के लिए लगातार प्रयास करते रहना चाहिए।

सप्ताह में कम से कम 5 दिन मांसपेशियों की मजबूती देने और स्ट्रेचिंग वाले व्यायाम करें।

बैठते समय शरीर की मुद्रा सीधा रखें।

अधिक भारी उठाने से बचें।

शारीरिक रूप से सक्रिय रहें और स्वस्थ आहार का सेवन करें।

Next Story