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रक्त में शर्करा स्तर बढ़ने और अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन न निकलने के चलते डायबिटीज की बीमारी होती है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रक्त में शर्करा स्तर बढ़ने और अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन न निकलने के चलते डायबिटीज की बीमारी होती है। इस रोग में मरीजों को चीनी से बनी चीजों को खाने की मनाही होती है। अगर लापरवाही बरतते हैं, तो कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो टाइप 2 डायबिटीज अधिक खतरनाक है। इसके लिए पीड़ित व्यक्ति को नियमित अंतराल पर शुगर की जांच करानी चाहिए। अगर आप भी शुगर की समस्या से परेशान हैं, तो रोजाना सुबह में खाली पेट यह जूस पिएं। इससे शुगर कंट्रोल करने में बहुत मदद मिलती है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
क्या कहती है शोध
आंवला अक्टूबर से लेकर फरवरी के महीने में फलता है। आंवला में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। आंवले के सेवन से दिल सेहतमंद रहता है, रक्त चाप कंट्रोल में रहता है और लिवर से संबंधित सभी परेशानियों में आराम मिलता है। इसमें विटामिन-सी की अधिकता होती है, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इसके अलावा, आंवला के सेवन से चेहरे की खूबसूरती बरकरार रहती है। कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि आंवला सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
रिसर्च गेट पर छपी एक शोध में दावा किया गया है कि आंवले के सेवन से टाइप 2 का खतरा कम हो जाता है। आंवले में डायटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। साथ ही ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स मापने की वह प्रक्रिया है, जिससे यह पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट से कितने समय में ग्लूकोज़ बनता है। अतः डायबिटीज के मरीजों को रोजाना खाली पेट आंवले का जूस पीना चाहिए। हालांकि, रोजाना केवल 10 मिलीग्राम ही आंवले के जूस का सेवन करें। अगर अधिक मात्रा में सेवन करना चाहते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें। आप चाहे तो आंवले की चटनी और कैंडी का भी सेवन कर सकते हैं।
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