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लाइफ स्टाइल
क्या आपके बच्चे में भी हैं भोजन झूठा छोड़ने की आदत, इस तरह समझाएं उन्हें
SANTOSI TANDI
8 Sep 2023 12:48 PM GMT
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इस तरह समझाएं उन्हें
आजकल के समय में देखा जाता हैं कि लोग जब भी किसी फंक्शन में भोजन करने जाते हैं तो कई लोग खाना झूठा छोड़ देते हैं जो कि बहुत गलत आदत हैं। यही आदत कई बच्चों में भी देखने को मिलती हैं जो अपने घर पर हमेशा खाना झूठा छोड़ते हैं। आजकल के बच्चों में खाने को वेस्ट या खराब करने की आदत काफी ज्यादा बढ़ गई है। खाने की बर्बादी एक बुरी आदत है जिसे बचपन से ही छुड़वाना जरूरी हैं। इसी के साथ आपको अपने बच्चों को खाने की बर्बादी करने पर होने वाले नुकसानों के बारे में भी बताना होगा। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप बच्चों में भोजन झूठा छोड़ने की आदत को बदल पाएंगे। आइये जानते हैं इन तरीकों के बारे में...
न हो कुछ अलग
बच्चे यदि भोजन के मामले में बेहद नखरे करते हैं और गिनी-चुनी चीज़ें ही खाते हैं तो उनके लिए कुछ अलग न बनाएं। कुछ अलग बनाकर हर बार परोसते रहेंगे तो उन्हें इसकी आदत हो जाएगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से भी उन्हें पौष्टिक आहार खिलाना ही जरूरी है नहीं तो आगे चलकर वे सादा खाना खाने में बहुत नाटक करेंगे।
खाने के प्रति जागरूक करें
हम अपने बच्चों को खाने की बर्बादी के बारे में यूं ही नहीं बता सकते। इसके बजाय, हमें उदाहरण के साथ बताना होगा कि खाने की बर्बादी से कैसे बच सकते हैं। उन्हें बताएं कि खाना इस दुनिया में कैसे आता है और किस तरह से ये बहुत कीमती है। दरअसल, अक्सर बच्चों को इस बारे में पता ही नहीं होता कि खाना घर में आता कहां से है। इसलिए बच्चों को एक दिन अपने पास बिठा कर बताएं कि खाना कहा से आता है। कौन इन्हें उगाता है और कैसे ये बन कर उनकी प्लेट तक आता है।
करें नया प्रयोग
यदि बच्चे किसी व्यंजन को लेकर नखरे करते हैं तो नकारात्मक प्रतिक्रिया न दें। डांटना और जबरदस्ती खिलाना हल नहीं। व्यंजन को लेकर नया एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं। संभव है कि बच्चे को आप जो खाना बना रहे हैं उससे समस्या न होकर उसके बनाने के तरीके से हो। कई बच्चे जो सब्जी घर पर खाना पसंद नहीं करते वे दूसरों के घर खा लेते हैं।
बच्चों को बताएं क्या है फूड वेस्टेज
बच्चों को फूड वेस्टेज का मतलब समझाने के लिए उन्हें किसी दिन ऐसी जगह लेकर जाएं जहां गरीब बच्चे रहते हों और उन्हें गरीबी की वजह से दो वक्त का खाना भी अच्छी तरह से नहीं मिल पाता हो। बच्चों को समझाएं कि वो कितने भाग्यशाली हैं कि उन्हें रोज भरपेट खाना मिलता है। जिसे उसे थाली में छोड़कर वेस्ट नहीं करना चाहिए।
पकाने में मदद
लड़का हो या लड़की, दोनों को खाना पकाने की प्रक्रिया मेंं शामिल करें। इससे उन्हें इस बात का भान रहेगा कि जिसे वे पलभर में नकार देते हैं, उस खाने को बनाना कितनी मेहनत का कार्य है। मम्मी दिनभर प्रयत्न करके अच्छा खाना बनाती हैं, जिसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं इसलिए साथ में मम्मी की मदद करें। इसी के साथ बच्चों को शिक्षित करते हुए समझाएं कि भोजन के लिए अनाज उगाने में कड़ी मेहनत लगती है।
सही रखें तालमेल
एक पसंद और नापसंद व्यंजन का तालमेल बनाएं। बच्चों के पसंदीदा व्यंजन के साथ उन्हें वह परोसें जो उन्हें कम पसंद है। उदाहरण के लिए यदि आपके बच्चे को दाल-चावल खाना पसंद है तो आप हरी सब्जियों के साथ उसे दाल चावल परोसें। ऐसा करने पर वो बिना नाटक के पौष्टिक आहार आराम से खा लेगा।
सामान खरीदते समय अपने बच्चों को साथ ले जाएं
अगली बार जब आप किराने की सूची की योजना बना रहे हों, तो बच्चों को एक कलम और कागज दें और उन्हें यह योजना बनाने के लिए कहें कि वे क्या खाना चाहते हैं। उन्हें आवश्यक सामग्री को सूचीबद्ध करने के लिए कहें, फिर उन्हें यह जांचने के लिए कहें कि क्या आपके पास पहले से ही सामग्री है या आपको अधिक खरीदने की आवश्यकता है। उन्हें सिखाएं कि उनके पास पहले से क्या है, इसके बारे में जागरूक रहें, ताकि आप सुपरमार्केट में अधिक खर्च न करें। ऐसे में उन्हें पैसे की कद्र होगी और वे खाने की वैल्यू भी समझेंगे।
भोजन एक साथ
इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि घर में खाना सभी के लिए एक जैसा बने। जो बना है वही सबकाे खाना है वह भी साथ बैठकर। किसी के लिए अलग से व्यंजन न बनाएं। यदि आप कोई ऐसी सब्जी बना रहे हैं जो कि बच्चों को बिल्कुल भी पसंद नहीं है तब भी उन्हें थोड़ी बहुत सब्जी जरूर खाने को कहें।
बच्चों को कम खाना लेना सिखाएं
अपने बच्चों को एक बार में ढेर सारा खाना लेने से मना करें। उन्हें बताएं कि अपने प्लेटों में थोड़ा-थोड़ा खाना रखें और वही खाएं। उन्हें समझाएं कि दूसरी, तीसरी या चौथी बार लेकर खाने में कोई बुराई नहीं है। वे बार-बार ले कर खा सकते हैं। उन्हें यह सिखाया जाना चाहिए कि अगर वे एक बार में ही ज्यादा खाना ले लेंगे तो, इसे ना खाने पर खाने की बर्बादी होगी। ये बात उन्हें बार-बार बताएं जिससे वे सीख लेंगे कि खाना बर्बाद नहीं करना चाहिए।
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