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क्या COVID-19 वैक्सीन बीपी में वृद्धि की वजह बनता है? जानिए

Rani Sahu
8 Jun 2021 2:47 PM GMT
क्या COVID-19 वैक्सीन बीपी में वृद्धि की वजह बनता है? जानिए
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जैसे-जैसे भारत ने अपने COVID-19 टीकाकरण अभियान को तेज किया है,

जैसे-जैसे भारत ने अपने COVID-19 टीकाकरण अभियान को तेज किया है, टीकों के कई अलग-अलग दुष्प्रभाव सामने आए हैं. इनमें बुखार, सिरदर्द, दर्द, और इंजेक्शन वाली जगह पर सूजन आदि जैसे हल्के और सामान्य साइड-इफेक्ट शामिल हैं. साइड इफेक्ट्स की लिस्ट में जोड़ा जाने वाला नया ब्लडप्रेशर (बीपी) में वृद्धि है. जैब लगने के बाद कई लोगों ने अपने ब्लडप्रेशर में वृद्धि की सूचना दी है. लेकिन ऐसा क्यों और कैसे हुआ यहां आपको इसके बारे में जानने की जरूरत है. आइए विस्तार में इसे जानते हैं-

क्या COVID-19 वैक्सीन बीपी में वृद्धि की वजह बनता है?
स्विटजरलैंड की कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीका लगने के कुछ ही मिनटों के भीतर कई लोगों में हाई ब्लडप्रेशर के लक्षण दिखाई दिए. जिन लोगों को mRNA के टीके दिए गए थे, उनमें से बहुत कम लोगों ने टीका लगने के तुरंत बाद ज्यादा हाई ब्लडप्रेशर डेवलप किया. उनमें से ज्यादातर 70 वर्ष से ज्यादा उम्र के पुरुष थे. इसके अलावा, 9 में से 8 पहले से ही हाी ब्लडप्रेशर से पीड़ित थे. भारत में भी कुछ ऐसा ही देखा गया है, जब लोग दावा करते हैं कि उनके ब्लडप्रेशर में वृद्धि के बाद कोविशील्ड या कोवैक्सिन का टीका लगाया जा रहा है.
टीकाकरण के बाद ब्लडप्रेशर बढ़ने की वजह
हालांकि, ब्लडप्रेशर या हाई ब्लडप्रेशर में चेंजेज को किसी भी COVID-19 टीके के दुष्प्रभाव के रूप में लिस्टेड नहीं किया गया है. हालांकि, दुनिया भर के नए आंकड़े इसे रेयर साइड-इफेक्ट के रूप में पेश करते हैं, जिसमें पसीना, सीने में दर्द और सिरदर्द जैसे कुछ लक्षण होते हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक, हाई ब्लडप्रेशर या ब्लडप्रेशर में वृद्धि टीके का स्पष्ट साइड-इफेक्ट नहीं हो सकता है. बल्कि, वो वैक्सीन लेने से संबंधित तनाव की वजह से हो सकते हैं. एक दूसरी वजह 'व्हाइट-कोट इफेक्ट' हो सकता है, जिसकी वजह से दूसरी जगहों की तुलना में डायग्नोस्टिक सेटिंग्स में ब्लड प्रेशर रीडिंग उम्मीद से ज्यादा होती है.
हृदय रोगियों को क्या करना चाहिए?
हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए COVID-19 वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है. जैब लेने के बाद ब्लडप्रेशर में एक रेयर साइड-इफेक्ट है. ये इससे संबंधित साइड-इफेक्ट नहीं है. इसका इस्तेमाल टीकाकरण में देरी की वजह के रूप में नहीं किया जाना चाहिए.


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