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फिटकरी का वैज्ञानिक नाम पोटैशियम एल्युमिनियम सल्फ़ेट है. इसे पोटाश एलम या फिर सिर्फ़ एलम भी कहा जाता है. इसे बनाने के लिए प्राकृतिक रूप से पाए जानेवाले एलम शेल्स का इस्तेमाल किया जाता है.. फिटकरी का स्वाद कसैला और अम्लीय होता है. यह सफ़ेद और हल्के गुलाबी दो रंगों में आती है, लेकिन घरों में सफ़ेद का ही इस्तेमाल अधिक किया जाता है. आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल भस्म के रूप में होता है. भस्म फिटकरी को वाष्पित करके तैयार की जाती है.
फिटकरी के इस्तेमाल और उसके फ़ायदे
नैचुरल डियोड्रेंट
Femina
गर्मी के दिनों में या ऐसे भी अगर आप पसीने से आनेवाली दुर्गंध से परेशान रहते हैं, तो आप फिटकरी को डियोड्रेंट तक इस्तेमाल कर सकते हैं. इसे अपने अंडराम्स में सीधे भी लगा सकते हैं और इसका पाउडर बनाकर नहाने के पानी में डाल सकते हैं. हालांकि रोज़ाना इस्तेमाल नुक़सानदेह साबित हो सकता है, इसलिए सप्ताह में दो से तीन बार ही करें.
रक्त बहाव रोकती है
Femina
चोट लगने के बाद बहते रक्त को रोकने में फिटकरी कारगर है. इसे रगड़कर चोट लगी जगह पर लगाने से रक्त के बहाव को रोका जा सकता है. हालांकि यह नुस्ख़ा छोटी चोट पर ही काम करता है. अगर कट बहुत गहरे नहीं हैं तो फिटकरी को पिसकर उसमें भर भी सकते हैं. पर बहुत अधिक इस्तेमाल से बचें और बच्चों की पहुंच से दूर रखें.
मुंह के छालों के लिए
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यूरिन इंफ़ेक्शन में कारगर
यूरिन इंफ़ेक्शन से बचने और होने के बाद उससे छुटकारा पाने के लिए आप फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं. फिटकरी डाला हुआ गुनगुना पानी लें और उससे अपने प्राइवेट पार्ट की धोएं. इसके ऐंटी-बैक्टीरियल गुण आपको इंफ़ेक्शन की समस्या से निजात पाने में मदद करेंगे. अगर आपको बार-बार यूरिन इंफ़ेक्शन हो रहा है तो अपने डॉक्टर से सलाह लें.
फ़ंगल इंफ़ेक्शन कम करने में प्रभावी
अगर आपके पैरों से बदबू आती है या किसी तरह का फ़ंगल इंफ़ेक्शन पनप रहा है तो फिटकरी का इस्तेमाल करें. गर्म पानी में फिटकरी डालें औ उससे अपने पैरों को रोज़ाना धोएं. नारियल तेल में फिटकारी पाउडर मिलाकर लगाएं. आराम मिलेगा.
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