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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आहार विशेषज्ञ कहते हैं, शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए सभी लोगों को रोजाना आहार में फलों-सब्जियों के जूस का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की आसानी से पूर्ति हो सकती है। कुछ अध्ययनों में पाया गया कि वेजिटेबल जूस के नियमित सेवन की आदत आपको हृदय रोगों और डायबिटीज जैसी क्रोनिक बीमारियों के खतरे से भी बचाने में सहायक हो सकती है।
लौकी जिसे भारत में घिया या दूधी के नाम से जाना जाता है, इसे पोषक तत्वों का पावरहाउस कहा जाता है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप और लिवर रोगों को नियंत्रित करने के साथ पाचन स्वास्थ्य को बेहतर रखने और तासीर के अनुसार शरीर को ठंडक देने में भी इसके लाभ देखे गए हैं। इससे होने वाले फायदों को ध्यान में रखते हुए कई लोग लौकी के जूस का भी सेवन करते हैं, पर क्या वास्तव में लौकी का जूस स्वास्थ्यवर्धक है?
पिछले कुछ वर्षों में सामने आई रिपोर्ट्स में लौकी के जूस के सेवन से उल्टी और अपर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) रक्तस्राव की शिकायत देखी गई है। क्या वास्तव में लौकी का जूस शरीर के लिए फायदे की जगह नुकसानदायक हो सकता है?
लौकी के जूस के सेवन से होने वाली समस्याओं को जानने के लिए अध्ययन किया गया जिसमें भी शोधकर्ताओं ने पाया कि लौकी का सेवन अच्छे से पका कर ही किया जाना चाहिए। कच्ची लौकी या इसका जूस शरीर के लिए हानिकारक प्रभावों वाला हो सकता है।नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक लौकी (लगेनेरिया सिसेरिया) के जूस के सेवन के कारण कुछ लोगों में गंभीर उल्टी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव और पॉइजनिंग की समस्या देखी गई। इस रिपोर्ट में 52 वर्षीय महिला की केस स्टडी का जिक्र है जिसे लौकी के जूस के सेवन के बाद हेमाटेमेसिस (उल्टी के साथ खून आने) और शॉक की समस्या के साथ आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता पड़ी थी।
अध्ययन में शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि लौकी, कुकरबिटेसी फैमिली से संबंधित है जिसमें जहरीले टेट्रासाइक्लिक ट्राइटरपेनॉइड यौगिक हो सकते हैं। इन्हें कुकुर्बिटासिन कहा जाता है जो कड़वा स्वाद और विषाक्तता के लिए जिम्मेदार होते हैं।
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