लाइफ स्टाइल

बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए रोजाना करें ये योग, जाने सही तरीका

Subhi
26 Aug 2021 5:49 AM GMT
बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए रोजाना करें ये योग, जाने सही तरीका
x
खराब जीवनशैली, गलत खानपान, तनाव, आलसपन, देर रात तक जागने और अगली सुबह देर तक सोने से कोलेस्ट्रॉल, शुगर और फैट बढ़ने लगते हैं।

खराब जीवनशैली, गलत खानपान, तनाव, आलसपन, देर रात तक जागने और अगली सुबह देर तक सोने से कोलेस्ट्रॉल, शुगर और फैट बढ़ने लगते हैं। कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से ह्रदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 मिग्रा/डीएल से कम रहना चाहिए। कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार के होते हैं- गुड और बैड कोलेस्ट्रॉल। बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। यह रक्त प्रवाह को कम कर सकता है। इसके लिए अपनी सेहत पर विशेष ध्यान दें। अगर आप भी बढ़ते कोलेस्ट्रॉल से परेशान हैं और कंट्रोल या कम करना चाहते हैं, तो रोजाना प्राणायाम जरूर करें। कुछ शोधों में खुलासा हो चुका है कि प्राणायाम करने से बैड कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-

रिसर्च गेट पर छपी एक शोध में योग के फायदे के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस शोध की मानें तो बैड कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, मोटापा समेत कई बीमारियों में योग फायदेमंद है। इस शोध में 64 लोगों को शामिल किया था। इनमें 41 पुरुष थे और 23 महिलाएं शामिल थी। इन्हें रोजाना प्राणायाम समेत हल्का-फुल्का योग करने की सलाह दी गई। इस शोध से पता चला कि प्राणायाम करने से बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है।
भस्त्रिका प्राणायाम करें
स्वच्छ वातावरण में पद्मानस की मुद्रा में बैठकर अपनी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखें। अब लंबी सांस लें और फेफड़ें में वायु को भरें। इसके बाद एकबार में तेज़ी से सांस छोड़ें। इस आसन को एक बार में कम से कम दस बार जरूर करें। जबकि, रोजाना सुबह और शाम दोनों समय में इस आसन को करें। इससे कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल अथवा कम किया जा सकता है।
उज्जायी प्राणायाम करें
यह संस्कृत के शब्द उज्जायी से मिलकर बना है। हिंदी में इसका अर्थ जीत होता है। इस योग को करने से एकाग्रता बढ़ती है और चिंता दूर होती है। साथ ही फेफड़ें सुचारु रूप से काम करने लगता है। इस योग में गहरी सांस लेकर छोड़ी जाती है। रोजाना उज्जायी प्राणायाम करने से श्वसन तंत्र मजबूत होता है।
कपालभाति करें
यह हिंदी के दो शब्दों कपाल अर्थात ललाट और भाति अर्थात चमक होता है। इस योग में सांस को लंबे समय तक रोकने की कोशिश की जाती है। साथ ही पेट और फेफड़ों की मदद से सांस को बाहर छोड़ा जाता है। इससे फेफड़ों की शुद्धि होती है। इस योग को करने से पाचन और श्वसन तंत्र मजबूत होता है।


Next Story