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अपने जोड़ों और लचीलेपन को बनाए रखने के लिए रोज़ाना एक्सरसाइज़ ज़रूर करें
दिल की बीमारी, डायबिटीज़, हाई बीपी की तरह अर्थराइटिस भी एक व्यक्ति के जीवन को बुरी तरह प्रभावित करता है। अर्थराइटिस एक या ज़्यादा जोड़ों की इन्फ्लेमेशन को कहते हैं, जिसमें तेज़ दर्द, सूजन, अकड़न और किसी भी काम को करने में दिक्कत आती है। इस बीमारी से घुटने, कुल्हे, रीढ़ की हड्डी और हाथ प्रभावित होते हैं। एक बार आपके जोड़ों के कार्टिलेज को नुकसान पहुंच जाए, तो इसे ठीक नहीं किया जा सकता। इसलिए शुरुआत से ही अपने जोड़ों की सेहत को बनाए रखने पर ध्यान देना ज़रूरी है, ताकि अर्थराइटिस का ख़तरा कम हो सके।
अर्थराइटिस से बचे रहने के लिए क्या करना चाहिए?
शरीर के हिसाब से सही वज़न बनाए रखें
शरीर का वज़न ज़्यादा होने से इसका सीधा असर जोड़ों पर पड़ता है। खासतौर पर हमारे घुटने, कमर और कुल्हे की हड्डियों को हमारे बढ़े हुए वज़न का भार उठाना पड़ता है। इसके अलावा अधिक वसा से भी जोड़ों को नुकसान पहुंचता है, क्योंकि इससे खास कैमिकल निकलता है, जो कार्टिलेज को नुकसान पहुंचाता है।
स्मोकिंग से बचें
धूम्रपान कार्टिलेज की क्षति के ख़तरे को बढ़ाता है, साथ ही अर्थराइटिस को और खराब करता है। स्मोक करने से कई तरह के गठिया का इलाज भी प्रभावित होता है, साथ ही सर्जरी के दौरान जटिलता का जोखिम भी बढ़ता है। अगर आप स्मोकिंग छोड़ते हैं, तो इससे आप अर्थराइटिस से बच सकते हैं।
ज़रूरत से ज़्यादा एक्सरसाइज़
अपने जोड़ों और लचीलेपन को बनाए रखने के लिए रोज़ाना एक्सरसाइज़ ज़रूर करें। इससे कर्टिलेज को सुरक्षित रहने में भी मदद मिलती है। हर किसी को हफ्ते में 3-4 बार आधे घंटे के लिए ज़रूर वर्कआउट करना चाहिए। आप तैराकी कर सकते हैं, साइकिलिंग या फिर सिर्फ वॉक। दौड़ लगाना भी एक अच्छी एक्सरसाइज़ है। लेकिन अगर आपको पहले से अर्थराइटिस है, तो फिर दौड़ने से बचें।
अपने पॉश्चर पर भी ध्यान दें
अगर आपके शरीर का पॉश्चर खराब है या आप लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं, और पॉश्चर पर ध्यान नहीं देते, तो इससे भी आपके जोड़ों पर भार पड़ता है। चाहे आप खड़े हों, बैठे हों या चल रहे हों, सही पॉश्चर बनाए रखने से आप अर्थराइटिस से बचेंगे।
हाई हील्स न पहनें
हाई हील्स वाले फुटवियर आपके पैरों, टखनों, कुल्हे और स्पाइन के जोड़ पर स्ट्रेन डालते हैं। अगर इन्हें रोज़ाना लंबे समय के लिए पहना जाता है, तो इससे जोड़ों में दर्द शुरू हो सकता है। जोड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते, तो ऐसे फुटवियर पहनें जो आरामदायक हों।
संतुलित डाइट ही लें
सही वज़न बनाए रखने के लिए कैलोरीज़ को कंट्रोल करना भी ज़रूरी है। अर्थराइटिस से बचाव के लिए अपनी डाइट में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से भरी चीज़ें शामिल करें, जैसे अदरक, लहसुन, मछली, नट्स, बेरीज़, हर रंग के फल और हरी पत्तेदार सब्ज़ियां। इसके अलावा ज़्यादा नमक, चीनी, प्रोसेस्ड और रिफाइन्ड फूड्स, सैचुरेटेड फैट्स न लें, क्योंकि यह इन्फ्लामेशन को बढ़ाते हैं। साथ ही ब्लड शुगर के स्तर पर भी नज़र रखें, क्योंकि डायबिटीज़ भी ऑस्टियोअर्थराइटिस के ख़तरे को बढ़ाती है।
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Apurva Srivastav
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