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गर्भावस्था के दौरान करें ये एक्सरसाइज, लेकिन इन बातों का रखें ख्याल

Triveni
9 Feb 2021 12:41 PM GMT
गर्भावस्था के दौरान करें ये एक्सरसाइज, लेकिन इन बातों का रखें ख्याल
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गर्भावस्था के दौरान योग और एक्सरसाइज करना सेहतमंद प्रेगनेंसी का मंत्र माना जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| गर्भावस्था के दौरान योग और एक्सरसाइज करना सेहतमंद प्रेगनेंसी का मंत्र माना जाता है. इससे महिला को हार्मोनल बदलावों की वजह से होने वाली कई परेशानियों में राहत मिलती है. साथ ही नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यहां जानिए प्रेगनेंसी के सामान्य मामलों मेंं क्या हैं योग और एक्सरसाइज के फायदे.

गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज करने से महिलाओं को कमर दर्द, कब्‍ज, पेट फूलने और सूजन जैसी परेशानियों से राहत मिलती है.
मूड बेहतर होता है और एनर्जी लेवल में सुधार होता है. इसके अलावा नींद न आने की समस्या दूर होती है और वजन नियंत्रित रहता है जिसकी वजह से जेस्टेशनल डायबिटीज का रिस्क भी कम होता है. एक्सरसाइज करने से महिला की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं और उसका शरीर सामान्य प्रसव के लिए तैयार होता है.
ये हैं योग के फायदे
एक्सरसाइज महिला को शारीरिक रूप से होने वाली समस्याओं में राहत देती है तो योग से मानसिक तौर पर शांति मिलती है. गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेचिंग और सांस पर नियत्रंण रखने से कई प्रकार के दर्द और नकारात्मक विचारों को दूर रखा जा सकता है. तमाम शोध में स्पष्ट हुआ है कि गर्भावस्था के दौरान योग करना महिला और बच्चे दोनों के लिए अच्छा है. इससे महिला में तनाव, डिप्रेशन और मूड स्विंग जैसी परेशानियां कम होती हैं. इसके अलावा सिर दर्द, उल्टी जैसी समस्याओं में भी योग लाभकारी है.
कब न करें
कुछ विशेष परिस्थितियों में महिलाओं को एक्सरसाइज न करने की सलाह दी जाती है. आमतौर पर विशेषज्ञ फेफड़ों और हार्ट से जुड़ी परेशानियां होने पर, गर्भ में एक से अधिक बच्चे होने पर, प्रेग्‍नेंसी के 26वें हफ्ते के बाद प्‍लेसेंटा प्रीविया, दूसरी और तीसरी तिमाही पर ब्लीडिंग होने, हाई बीपी या गंभीर एनीमिया की समस्या होने पर कुछ एक्सरसाइज करने की सलाह नहीं देते हैं. इसलिए किसी भी परिस्थिति में विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही एक्सरसाइज करें. साथ ही अगर संभव हो तो इसे किसी विशेषज्ञ की देखरेख में करें.
ध्यान रहे
यदि डॉक्टरी सलाह के बाद एक्सरसाइज करने पर भ्रूण की मूवमेंट में कमी आना, चक्‍कर आना या बेहोशी महसूस होना, सिरदर्द, घबराहट, योनि से खून आना, सीने में दर्द, पेट में दर्द या संकुचन, योनि से स्राव, सांस फूलना और पिंडलियों में दर्द या सूजन जैसी समस्या हो तो इसे बंद कर दें और विशेषज्ञ से परामर्श करें.


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