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जोड़ों में दर्द से राहत पाने के लिए रोजाना करें ये 3 योगासन
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज के समय में घंटों एक ही जगह कुर्सी पर बैठकर काम करना और शारीरिक श्रम न के बराबर होने की वजह से लोगों को अक्सर मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द की समस्या हो जाती है। हालांकि जोड़ों में दर्द होने की कई और वजह भी हो सकती हैं। बढ़ती उम्र की ये समस्या अब कम उम्र के लोगों में भी आम बात हो गई है। जिसकी वजह से लोग दर्द निवारक दवाईयां लेने लगते हैं जिससे कुछ समय आराम के बाद फिर से परेशानी शुरू हो जाती है। लगातार दर्द निवारक दवा का इस्तेमाल करने से शरीर को नुकसान भी पहुंचने लगता है। जोड़ों में दर्द की समस्या से निजात पाने के लिए प्राकृतिक इलाज के रूप में योग करना बहुत ही फायदेमंद होता है। प्रतिदिन कुछ योगासन करने से जल्द ही जोड़ों में दर्द से राहत मिलती है। जानते हैं इन योगासन के बारे में जो दिलाएंगे आपको जोड़ों के दर्द से राहत।
प्राणायाम
नियमित रूप से प्राणायाम करना जोड़ों के दर्द में राहत दिलाने के साथ पूरे शरीर के लिए फायदेमंद रहता है। रोजाना प्राणायाम करने से जोड़ों के दर्द में आराम महसूस होता है और धीरे-धीरे इस समस्या से निजात मिलने लगती है। प्राणायाम करने के लिए किसी समतल स्थान पर चटाई बिछाकर पालथी मारकर बैठ जाएं। अब अपने दाएं अंगूठें से दांयी नासिका को दबाकर बायी़ नासिका से सांस को अंदर खींचें, अब अपनी अनामिका उंगली से बायी़ नासिका को दबाकर दांयी नासिका से सांस छोड़ दें।
इस बात का ध्यान रखें कि दूसरी बार जिस नासिका से सांस छोड़ उसी से ही सांस खींचें।
प्राणायाम के लिए हमेशा खुली, स्वच्छ और शांत जगह के चुनाव करें।
सेतुबंधासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले आराम से अपनी पीठ के बल लेट जाएं। अपनी हथेलियों को शरीर के पास रखें और जमीन पर सटा लें। अब अपने घुटनों को मोड़ लें। इसके बाद धीरे-धीरे सांस लेते हुए शरीर को ऊपर की ओर उठाएं। जिससे आपका शरीर एक सेतु यानी पुल का आकार में आ जाए। इस अवस्था में आराम से सांस ले और छोड़ें। 10 से लेकर 30 सेकेंड तक इसी मुद्रा में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए अपनी कमर को वापस नीचे ले आएं।
शवआसन
जैसा कि इस आसन के नाम से ही पता चलता है। शव अर्थात मुर्दा, शरीर को मुर्दे समान बना लेने के कारण ही इस आसन को शवआसन कहते हैं। इस आसन में शरीर को पूरी तरह से विश्राम मिलता है। इसके लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं दोनों पैरों को आराम से फैला लें। अपने हाथों को शरीर से 5 से 6 इंच की दूरी पर रखें। इस अवस्था में गर्दन आराम दायक मुद्रा में एकदम सीधी रखें। अब अपनी आंखों को बंद कर लें और कुछ देर इसी अवस्था में रहें।