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फेफड़ों को रखना स्वस्थ रोजाना करें ये 5 योगासन

Teja
12 Jan 2022 10:51 AM GMT
फेफड़ों को रखना स्वस्थ रोजाना करें ये 5 योगासन
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योग आपको सांस लेने और ऑक्सीजन की मात्रा को बेहतर बनाने में मदद करता है. नियमित योगाभ्यास आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | योग आपको सांस लेने और ऑक्सीजन की मात्रा को बेहतर बनाने में मदद करता है. नियमित योगाभ्यास आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखता है.

कपालभाति - सीधे बैठ जाएं. दोनों हाथों को घुटनों पर रखें. अपनी आंखें बंद करें और कुछ गहरी सांसें लें. पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ें, दोनों नथुनों से सांस छोड़ें, जिससे हवा बाहर निकले. नासिका छिद्र से कुछ बल और ध्वनि के साथ सांस छोड़ें. इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं.
भुजंगासना - अपने पेट के बल लेट जाएं, नीचे की ओर मुंह करें. अपनी दोनों हथेलियों को कंधे की चौड़ाई से फर्श पर अलग रखें. हथेलियां जमीन पर सपाट हों. अपनी हथेलियों को फर्श पर दबाएं और गहरी सांस लें. अपने ऊपरी शरीर को जमीन से ऊपर उठाएं. अपनी श्वास को सामान्य और स्थिर रखें. इस स्थिति में 30 सेकंड के लिए रुकें. ये गर्दन और पीठ की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है.
मत्स्यासन - अपनी पीठ के बल लेट जाएं. अपने हाथों को अपने कूल्हों के नीचे रखें, हथेलिया नीचे रखें. सिर और गर्दन को ऊपर की ओर करें. अपनी छाती को ऊपर उठाएं. इस पोजीशन में जितनी देर हो सके रुकें, गहरी सांस लें. वापस उसी स्थिति में लौट आएं. इस आसन को करने से आप फ्रेश महसूस करते हैं.
पादहस्तासन - सांस भरते हुए बाजुओं को सिर के ऊपर उठाएं. सांस छोड़ें और आगे की ओर मोड़ें. हाथों को नीचे की ओर करें. सिर और गर्दन को नीचे करें. कुछ देर इस मुद्रा में रहें. इस असान से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. ये गर्दन और रीढ़ को आराम देता है.
अलोम विलोम - पैरों को क्रॉस करके सीधे बैठ जाएं. अपनी कलाइयों को अपने घुटनों पर टिकाएं. अपने दाहिने हाथ की मध्यमा और तर्जनी को अपनी हथेली की ओर मोड़ें. अपने दाहिने अंगूठे को दाहिने नथुने पर और अपनी अनामिका को बाईं ओर रखें. अपने दाहिने नथुने को अपने अंगूठे से बंद करें और अपने बाएं नथुने से धीरे-धीरे और गहरी सांस लें जब तक कि आपके फेफड़े भर न जाएं. अपना ध्यान अपनी श्वास पर रखें. अपना अंगूठा छोड़ें और अपनी अनामिका का इस्तेमाल अपने बाएं नथुने को सील करने के लिए करें. अपने दाहिने नथुने से धीरे-धीरे सांस छोड़ें. अब दाएं नथुने से सांस लें और बाएं से सांस छोड़ें. ये मुद्रा दिमाग को शांत रखती है और नासिका मार्ग को साफ करती है.

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