लाइफ स्टाइल

वेट लिफ्टिंग के दौरान भूलकर भी नहीं करें ये 4 गलतियां

Tara Tandi
18 Jun 2022 12:43 PM GMT
वेट लिफ्टिंग के दौरान भूलकर भी नहीं करें ये 4 गलतियां
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पूरी दुनिया मोटापा से परेशान है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया में 1.9 अरब से ज्यादा लोग मोटापा से ग्रस्त हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूरी दुनिया मोटापा से परेशान है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया में 1.9 अरब से ज्यादा लोग मोटापा से ग्रस्त हैं, इनमें से 65 करोड़ लोग अत्यधिक मोटापा से परेशान हैं। मोटापा शुगर,थॉयराइड और ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों की जड़ है। लोग मोटापा से छुटकारा पाने के लिए क्या क्या नहीं करते है। घंटों जिम में पसीना बहाते हैं। हालांकि यंग जेनरेशन में जिम जाने का मकसद सिर्फ वजन को कम करना नहीं है बल्कि इससे वे अपने बॉडी को सुडौल बनाते हैं।

जिम में युवा बॉडी बनाने में इतने मसरूफ रहते हैं कि वेट लिफ्टिंग के दौरान कुछ गलतियां करना शुरू कर देते हैं। इन गलतियों के कारण फायदा की जगह नुकसान ज्यादा होता है। आइए इन गलतियों के बारे में आपको बताते हैं ताकि आप इन गलतियों को फिर से नहीं दोहराएं।
भूलकर भी सांस न रोके: अक्सर वेट लिफ्टिंग में जब वजन को उपर उठाते हैं तो सांस रोक लेते हैं, ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। इससे अनावश्यक ब्लड पर दबाव पड़ेगा जिसके कारण हार्ट के साथ-साथ ब्रेन में भी प्रेशर हो सकता है। इसके अलावा आपको हर्निया में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं।
लंबा ब्रेक न लें: वेट लिफ्टिंग के बाद कई लोग थक जाते हैं, खासकर जिन लोगों में स्टेमिना की कमी होती है। इस स्थिति में लोग लंबा आराम ले लेते हैं, लेकिन वेट लिफ्टिंग के समय ऐसा करना नुकसानदेह हो सकता है। इससे दोबारा फिर से वेट उठाने के बाद अचानक कमर में क्रेंप आ सकता है। इसके अलावा ज्यादा देर तक आराम करने से मसल्स को दोबारा उसी स्थिति में लाने से मसल्स में अचानक बदलाव आता है जिससे नुकसान हो सकता है।
पोजीशन और टेक्निक का खास ध्यान रखना जरूरी: जब आप जिम में होते हैं तो बिना ट्रेनर की मदद से वेट लिफ्टिंग बिल्कुल न करें। क्योंकि अगर आपकी पोजीशन और टेक्निक गलत होगी तो इससे बॉडी के अन्य अंगों पर दबाव पड़ेगा और उसमें क्रैंप भी आ जाएगा। ज्यादा खराब टेक्निक से वेट लिफ्ट करने पर इंज्युरी भी हो सकती है।
वेट का रखें खास ध्यान: कई बार लोग जोश में आकर अपनी क्षमता से ज्यादा वेट उठा लेते हैं। यह बहुत ही नुकसानदेह है, इससे दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, अकड़न यहां तक कि इंज्युरी भी हो सकती है। इसके अलावा हार्ट पर पर भारी दबाव के कारण ऑक्सीजन की सप्लाई ब्रेन तक नहीं हो पाती है। इस स्थिति में अचानक चक्कर और बेहोशी भी आ सकती है।
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