लाइफ स्टाइल

घर पर ख़ुद को इन पांच तरीक़ों से करें डिस्ट्रेस

Kajal Dubey
27 July 2023 5:07 PM GMT
घर पर ख़ुद को इन पांच तरीक़ों से करें डिस्ट्रेस
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जब आप तनाव महसूस करते हैं या जीवन की बदलती घटनाओं को पकड़ पाने में असफल हो रहे हैं तो ऐसे समय में आपको जर्नलिंग में अपना हाथ आज़माना चाहिए. जिन विचारों, अनुभवों और भावनाओं को आप दूसरों के बांट नहीं सकते, उसे आप रिकॉर्ड कर सकते हैं, इससे आप हल्का महसूस करेंगे. इसके साथ ही चाहे डेली डायरी लिखना हो या फिर टू-डू लिस्ट की सूची बनाना हो, जर्नलिंग से ऑर्गेनाइज़ेशन की अच्छी समझ मिलती, जो तनाव और चिंता में कमी लाने में मददगार साबित होते हैं. बिना किसी राय और निर्णय के अख़बार और पत्रिकाओं को भी अपना मित्र बनाएं.
व्यायाम
यह वैज्ञानिक रूप से यह सिद्ध हो चुका है कि वर्कआउट करने से हैप्पी हॉर्मोन्स रिलीज़ होते हैं, जो तनाव और चिंता को कम करने में मददगार साबित होते हैं. वर्कआउट के समय हमारे शरीर में एंडोर्फि़न नामक हॉर्मोन रिलीज होता है, जो हमारे मूड को बेहतर बनाने का काम करता है. नियमित रूप से व्यायाम करने से नींद पैर्टन में भी सुधार होता है. यदि किसी बात लेकर उत्साहित नहीं महसूस करते हैं या किसी फ़ैसले पर टिके नहीं रह पाते हैं तो आपको योग या मेडिटेशन शुरू कर देना चाहिए. योग अत्ध्यात्मिकता के साथ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के क़रीब ले जाता है, वहीं मेडिटेशन मन को शांत करने और सांस पर नियंत्रण पाने में मदद करता है. फ़िटनेस एक्सपर्ट्स का मनाना है कि यह ऐंटी-डिप्रेसेंट की तरह काम करता है और तनाव व चिंता के इलाज में मददगार होता है.
शौक पूरा करें
किसी तरह का एक शौक रखना और उसमें पूरी तरह से डूब जाना तनाव कम करने का अद्भुत तरीक़ा है. आप एक एक्टिविटी चुनें, जिसे आप हमेशा से करना पसंद करते हैं-साइक्लिंग, स्विमिंग, पेंटिंग, नृत्य या कुछ भी जिससे आपको ख़ुशी मिलती है. अपने आपको व्यस्त रखने के लिए इसका अभ्यास करें और जब आप ख़ुद को संतुष्ट महसूस करें तो आराम करें! मन को सही दिशा देने के लिए यह एक शानदार तरीक़ा है.
खाना पकाना
खाना पकाना पूरी तरह से स्वास्थकर अनुभव है, जिसके लिए बहुत सारी योजना, एकाग्रता और दिमाग़ीरूप से तैयार रहने की आवश्यकता होती है. सामग्री चुनने से लेकर मिश्रए बनाने, पकाने और स्वादिष्ट बनाना एक चिकित्सिय-प्रक्रिया है. जहां तनाव आपकी इंद्रियों को सुस्त का देता है, वहीं खाना पकाना उन्हें फिर सक्रिय कर देता है. वैसे तो लॉकडाउन ने सभी को मास्टरशेफ़ बन गए हैं तो जब भी आप तनाव महसूस करें और रसोई में जाएं और अपनी कला का प्रदर्शन करें.
कैफ़ीन और निकोटीन को कहें ना
अगर आप निकोटीन और कैफ़ीन का सेवन करते हैं तो तुरंत बंद कर दें. माना जाता है कि कैफ़ीन और निकोटीन दोनों तनाव को कम करते हैं. हालांकि, कैफ़ीन कोर्टिसोल जो कि एक हॉर्मोन है उसे बढ़ाता है और लंबे समय तक कोर्टिसोल का स्तर बने रहना तनाव का कारण बनता है. वहीं निकोटीन सांस लेने में परेशानी और रक्त परिसंचरण में बाधा उत्पन्न करके शरीर पर अधिक तनाव डालता है. इसलिए स्वस्थ दिमाग़ और शरीर के लिए कैफ़ीन-निकोटीन से तौबा कर लें.
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