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Life Style लाइफ स्टाइल : बरसात का मौसम भले ही गर्मी से राहत दिलाता है, लेकिन इसके साथ ही इस मौसम में कई सारी बीमारियों और संक्रमण का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। इस दौरान वॉटर बॉर्न डिजीज के साथ ही मच्छरों से होने वाली बीमारियां भी काफी बढ़ जाती है। बरसात के समय डेंगू,मलेरिया आदि के मामले तेजी से बढ़ते हैं। इसी क्रम में बीते कुछ दिनों से बेंगलुरु में लगातार Dengue के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखी जा रही है।
इतना ही नहीं यहां इस बीमारी की वजह से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में जरूरी है कि इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे मानसून में डेंगू को रोकथाम के लिए क्या करें और क्या नहीं। साथ ही जानेंगे इस मौसम में क्यों बढ़ जाते हैं इसके गंभीर बीमारी के मामले- बरसात में क्यों बढ़ जाते हैं डेंगू के मामले?
बरसात के मौसम में डेंगू समेत मच्छरों से होने वाली बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बरसात के मौसम में पानी जमा होने और वातावरण में नमी होने की वजह से मच्छरों को पनपने में आसानी होती है, जिसकी वजह से इनकी तादाद बढ़ती जाती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबित, दुनिया की लगभग आधी आबादी को डेंगू का खतरा है और हर साल अनुमानित 100-400 मिलियन संक्रमण होते हैं। ऐसे में इससे बचाव के लिए निम्न चीजें करें-
डेंगू में करें ये चीजें-
सुरक्षात्मक कपड़े पहनें- डेंगू से बचने के लिए जरूरी है कि आप खुद को मच्छरों के काटने से बचाए। इसके लिए कोशिश करें कि मच्छरों के काटने से बचने के लिए लंबी बाजू की शर्ट, फुल पैंट और मोजे पहनकर खुद को ढकें।
स्वच्छता बनाए रखें- मच्छरों से खुद से और अपने घर से दूर रखने के लिए नियमित रूप से अपने घर के आसपास सफाई करें और कहीं भी पानी जमा न होने दें, क्योंकि यह पानी डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल बन सकता है।
मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें- बाहर जाते समय, विशेष रूप से सुबह और शाम के दौरान, जब मच्छरों का आतंक सबसे ज्यादा होता है, तो एक प्रभावी मॉस्किटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।
तुरंत डॉक्टर को दिखाएं- अगर आपके या किसी अन्य सदस्य के अंदर तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, जोड़ों/मांसपेशियों में दर्द या त्वचा पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या न करें-
प्लेटलेट काउंट को नजरअंदाज न करें- डेंगू होने पर अक्सर व्यक्ति के प्लेटलेट लेवल में गिरावट होती है। ऐसे में अपने प्लेटलेट काउंट में किसी भी बदलाव को नजरअंदाज न करें।
दवा- किसी भी तरह की कोई समस्या होने पर बिना डॉक्टर की सलाह पर बिना ओवर-द-काउंटर दवाएं लेने और सेल्फ-मेडिकेट करने से बचें। एक्सपर्ट की सलाह के बिना दवा लेने से डेंगू के लक्षण खराब हो सकते हैं।
एस्पिरिन लेने से बचें- बुखार या दर्द आदि से राहत पाने के लिए एस्पिरिन या इबुप्रोफेन लेने से बचें, क्योंकि ये दवाइयां डेंगू के मरीजों में ब्लीडिंग और अन्य गंभीर जोखिम की वजह बन सकती हैं।
मच्छरों वाली जगह से दूरी- ऐसी जगह जहां मच्छर बहुत ज्यादा हैं या जहां पानी भरा हुआ है, ऐसी मच्छरों की प्रजनन वाली जगहों से दूर रहें। ऐसी जगह पर समय बिताने से डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है।
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