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ब्रेन के इस हिस्से को कोरोना ने किया सबसे ज्यादा प्रभावित

HARRY
15 Jun 2023 7:02 PM GMT
ब्रेन के इस हिस्से को कोरोना ने किया सबसे ज्यादा प्रभावित
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोरोना संक्रमण ने कई प्रकार से हमारी सेहत को प्रभावित किया है। डेल्टा जैसे वैरिएंट के प्रकोप के दौरान लोगों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं अधिक देखी गईं। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि कोरोना वायरस भले ही श्वसन संक्रमण माना जाता रहा है, पर इसका शरीर पर कई प्रकार से दुष्प्रभाव हो सकता है। फेफड़े, हृदय से लेकर मानव मस्तिष्क तक पर इसके गंभीर दुष्प्रभाव देखे गए। वैश्विक स्तर पर संक्रमण का शिकार रहे लाखों लोग एक साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी अब तक पूरी तरह से रिकवर नहीं हो पाए हैं।

फिलहाल दुनियाभर में कोरोना के मामले काफी कंट्रोल में हैं। हालांकि इसके दुष्प्रभावों को जानने के लिए किए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बड़ा खुलासा किया है। वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि कोरोना वायरस ने मस्तिष्क को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। मस्तिष्क के अन्य हिस्सों की तुलना में सेरिबैलम पर इसका असर अधिक देखा गया है।

आइए जानते हैं कि इसके क्या दुष्प्रभाव देखे जा रहे हैं। टोरंटो कनाडा में रोटमैन रिसर्च इंस्टीट्यूट और सनीब्रुक हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने इस शोध में जानने की कोशिश की है कि कोरोना का लोगों के मस्तिष्क पर क्या दुष्प्रभाव हो सकता है? इसमें पाया गया कि मानव मस्तिष्क का सेरिबैलम हिस्सा, मस्तिष्क के अन्य हिस्सों की तुलना में कोविड संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकता है। अध्ययन इस विचार को पुष्ट करता है कि कोविड-19 के कारण कई लोगों के मस्तिष्क में बदलाव भी देखा जा रहा है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि अध्ययन की रिपोर्ट बताती है कि जिस तरह से कोरोना के कारण मस्तिष्क में परिवर्तन देखे जा रहे है, यह भविष्य में कई न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के जोखिमों को भी बढ़ाने वाली हो सकती है।

अध्ययनकर्ता बताते हैं, जिस तरह से कोरोना वायरस को मानव मस्तिष्क के सेरिबैलम हिस्से को प्रभावित करते हुए पाया गया है इससे डर है कि लोगों में शिथिलता या संतुलन की समस्याओं के साथ-साथ समन्वय में कठिनाई हो सकती है। जिसके परिणामस्वरूप लोगों को सही तरीके से चलने, शरीरिक असंतुलन, बोलने में समस्याएं (डिसरथ्रिया), दृष्टि से संबंधित समस्याएं (निस्टागमस) हो सकती हैं।

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