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लाइफ स्टाइल
सेहत के लिए बहुत लाभकारी है रोजाना एक चम्मच सौंफ का सेवन
Kajal Dubey
13 Jun 2023 11:12 AM GMT
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सौंफ का इस्तेमाल हर भारतीय घर में किया जाता हैं। चाहे खाना बनाना हो या भोजन करने के बाद मुखवास खाना हो दोनों जगह सौंफ को शामिल किया जाता हैं। सौंफ का सेवन मुख्यतया मुंह की दुर्गंध को दूर करने के लिए किया जाता हैं। लेकिन इसी के साथ ही औषधि के तौर पर भी सौंफ का सेवन किया जाता हैं। सौंफ जरूरी विटामिन, पोषक तत्वों और खनिजों जैसे विटामिन सी, विटामिन ए, फाइबर, पोटेशियम, मैंगनीज, जिकं, आयरन और कैल्शियम का भंडार है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो सेहत की कई समस्याओं को दूर करते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि रोजाना एक चम्मच सौंफ का सेवन करने से आपकी सेहत को क्या फायदे मिलेंगे। आइये जानें इसके बारे में...
पेट की समस्याओं में मिलेगा आराम
सौंफ के बीज को कब्ज, पेट के सूजन और अपच को ठीक करने के लिए वर्षों से प्रयोग में लाया जाता रहा है। गर्मियों में सौंफ की ठंडाई पेट को ठंडक देने के साथ पेट फूलने और अपच की समस्या में काफी लाभदायक मानी जाती है। अध्ययनों से पता चलता है कि सौंफ में एनेथोल, फेनचोन और एस्ट्रैगोल जैसे आवश्यक तत्व होते हैं जो एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीस्पास्मोडिक गुणों के लिए जाने जाते हैं। पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए भोजन के बाद एक चुटकी सौंफ का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है।
कंट्रोल में रहता है कोलेस्ट्रॉल
सौंफ में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। फाइबर रिच फूड्स खाने से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि फाइबर युक्त चीजों के सेवन से वेट और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रह सकता है। फाइबर, रक्त में कोलेस्ट्रॉल को घुलने नहीं देता है। इससे हृदय भी स्वस्थ रहता है।
वजन कम करने में मददगार
एक हेल्दी डाइट के अलावा आप वजन कम करने के लिए सौंफ के बीज का उपयोग कर सकते हैं। सबसे पहले पाचन प्रक्रिया को सुगम बनाकर, सौंफ के बीज शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाते हैं जो फैट बर्न करने की प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए सबसे जरूरी है। फाइबर का एक समृद्ध स्रोत होने के कारण सौंफ के बीज तृप्ति प्रदान करते हैं और भूख को कम करते हैं। सौंफ के बीज विषाक्त पदार्थों और अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकालने में आपकी मदद करते हैं।
आंखों के लिए फायदेमंद
आंखों की छोटी-मोटी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में भी सौंफ काफी कारगर साबित हो सकती है। अगर किसी की आंखों में जलन या फिर खुजली हो रही है, तो सौंफ की भाप आंखों पर लेने से राहत मिल सकती है। इसके लिए सौंफ को सूती कपड़े में लपेटकर हल्का गर्म करके आंखों को सेंक सकते हैं। ध्यान रहे कि यह अधिक गर्म न हो। आंखों की रोशनी बढ़ाने में विटामिन-ए और विटामिन-सी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सौंंफ में विटामिन-ए पाया जाता है। इस प्रकार सौंफ के सेवन से बढ़ती उम्र में भी आपकी आंखों की रोशनी प्रभावित होने से बच सकती है।
ब्लड प्रेशर को करें नियंत्रित
सौंफ में पोटेशियम भरपूर होता है जो रक्तप्रवाह में फ्लूइड की मात्रा को नियंत्रित करता है। यही आपकी हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है। एक अध्ययन के अनुसार सौंफ लार में नाइट्राइट के स्तर को बढ़ाती है। नाइट्राइट एक नेचुरल इंग्रेडिएंट्स है जो ब्लड प्रेशर के लेवल को कंट्रोल में रखता है। सौंफ के सेवन से महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम हो सकता है।
स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए फायदेमंद
सौंफ में गैलेक्टोजेनिक गुण पाए जाते हैं, जिसका अर्थ है कि यह दूध के स्राव को बढ़ाने में मदद करता है। शोध से पता चलता है कि सौंफ का सेवन रक्त में प्रोलैक्टिन के स्तर को बढ़ाने में सहायक है। यह हार्मोन शरीर को स्तन के दूध का उत्पादन करने का संकेत देता है। यही कारण है कि प्रसव के बाद अक्सर माताओं को सौंफ चबाने को दिया जाता रहा है।
त्वचा में चमक बढ़ाएं
अपने एंटी-माइक्रोबियल गुणों के कारण, सौंफ का उपयोग प्राचीन काल से त्वचा की विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता रहा है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण हेल्दी स्किन पर हमला करने वाले मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं। सौंफ में एंटी-एजिंग गुण भी होते हैं जो झुर्रियों और फाइन लाइन्स को कम करने में मदद करते हैं।
अस्थमा में लाभदायक
सौंफ में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स की अधिक मात्रा साइनस में को खत्म करने में मदद करती है। सौंफ ब्रोन्कियल में राहत देती है जो अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। सौंफ में पाए जाने वाले पाइथोन्यूट्रिएंट्स गुण अस्थमा में लाभदायक हो सकते हैं।
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