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Blood Donation-कैंसर के मरीज रक्तदान कर सकते हैं या नहीं, इसे लेकर अलग-अलग तरह की धारणाएं हैं, ऐसे में इस विषय पर लोगों को जागरूक करने की सख्त जरूरत है. रक्तदान करने से कैंसर सर्वाइवर के अंदर एक उद्देश्य और उसके पूरा होने का अनुभव होता है. कई कैंसर सर्वाइवर्स को ब्लड डोनेशन में हिस्सा लेने से एम्पावरमेंट फील होता है और भावनात्मक तौर पर उन्हें अच्छा महसूस होता है. इसके अलावा, लगातार होने वाले हेल्थ चेकअप जो ब्लड डोनेशन का हिस्सा होते हैं, उससे कैंसर सर्वाइवर्स को अपने हेल्थ स्टेटस को मॉनिटर करने में मदद मिलती है और किसी भी होने वाली बीमारी की जानकारी भी उन्हें सही वक्त पर मिल जाती है. इसके अलावा समाज के लिए कुछ अच्छा करने की फीलिंग भी कैंसर सर्वाइवर्स को सोसाइटी से कनेक्ट करने में मदद करती है जिससे उनकी ओवरऑल मानसिक हालत तो सुधरती ही है, साथ ही रिकवरी में भी फायदा मिलता है
‘रक्तदान उदारता का एक लाइफ सेविंग काम है. कैंसर सर्वाइवर्स के लिए, रक्तदान करने का फैसला बहुत ही व्यक्तिगत और Daring है. यह समझना आवश्यक है कि सभी कैंसर सर्वाइवल ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं, लेकिन जो कर सकते हैं लोगों का जीवन बचाने में मदद करते हैं. एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल में हम अपने रोगियों और लोगों को रक्तदान से जुड़ी सही जानकारियों से अवगत कराते हैं, उन्हें शिक्षित करने का प्रयास करते हैं ताकि एक सुरक्षित और प्रभावकारी ब्लड सप्लाई सिस्टम विकसित हो सके.
एक बहुत ही आम अवधारणा ये है कि कैंसर सर्वाइवर्स यानी कैंसर को हराने वाले मरीज कभी भी ब्लड डोनेट नहीं कर सकते. लेकिन कैंसर के टाइप, मरीज को दिए गए इलाज और मरीज की मौजूदा कंडीशन पर निर्भर करता है कि वो ब्लड डोनेट के लिए पात्र है या नहीं. बैसल सेल कार्सिनोमा या इन-सिटु कैंसर जैसे कैंसर के मरीज सफल इलाज पाने के बाद रक्तदान कर सकते हैं. वहीं, जिन मरीजों को ल्यूकेमिया या लिम्फोमा जैसे कैंसर होते हैं, वो आमतौर पर ब्लड डोनेट करने के लिए पात्र नहीं माने जाते. कैंसर को हराने वाले जिन मरीजों का इलाज पूरा हो चुका हो, वो कुछ वक्त के बाद आमतौर पर एक साल के बाद ब्लड डोनेट कर सकते हैं. डोनर की सेहत का अच्छा होना बेहद जरूरी है, साथ ही स्टेबल ब्लड काउंट्स हों और किसी तरह का इंफेक्शन नहीं होना चाहिए.
रक्तदान करना एक सराहनीय काम है, लेकिन डोनर और रिसीवर दोनों की सेहत सबसे पहले है. मेडिकल फील्ड में ब्लड डोनेशन एक बहुत ही क्रिटिकल हिस्सा होता है जिसकी मदद से सर्जरी, इलाज और इमरजेंसी की कंडीशन में जरूरी सपोर्ट मिलता है. जो कैंसर सर्वाइवर रक्तदान करने के पात्र हों, उनका योगदान अमूल्य होगा. लेकिन डोनर की सेहत सबसे पहले है, लिहाजा उसे लगातार स्क्रीनिंग कराते रहने की आवश्यकता है ताकि ब्लड सप्लाई सुचारू रहे.
ओवेरियन कैंसर के निदान में देरी का परिणाम-Ovarian Cancer डे हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करता है और क्या वो ब्लड डोनेट करने के पात्र हैं या नहीं, इसके लिए डॉक्टरों से परामर्श करने की सलाह देता है. एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल व्यापक कैंसर केयर मुहैया कराने वाला एक अग्रणी अस्पताल है, यहां शानदार टेक्नोलॉजी के साथ इलाज के विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं, और मरीज व उनके परिवारों को पूरा सहयोग दिया जाता है. हमारी एक्सपर्ट टीम एडवांस कैंसर केयर मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है और रिसर्च, एजुकेशन व पर्सनलाइज्ड केयर से मरीजों के लिए अच्छे रिजल्ट लाने के लिए प्रतिबद्ध है.
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Deepa Sahu
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