- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- सुंदरता बढ़ाने के लिए...
लाइफ स्टाइल
सुंदरता बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि कई बीमारियों के उपचार में भी उपयोग किया जाता है बोटोक्स
Ritisha Jaiswal
28 Oct 2021 3:01 PM GMT

x
बोटोक्स एक न्यूरोटॉक्सिन है जिसेवास्तव में एक जैविक हथियार के रूप में विकसित और इस्तेमाल किया गया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | बोटोक्स एक न्यूरोटॉक्सिन है जिसेवास्तव में एक जैविक हथियार के रूप में विकसित और इस्तेमाल किया गया। लेकिन समय के साथ विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हुई प्रगति ने इसके इस्तेमाल का दायरा बढ़ा दिया है।
अब इसे न केवल सुंदरता बढ़ाने के लिए बल्कि कई बीमारियों के उपचार में भी उपयोग किया जाता है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि लोगों को युवा दिखाने के अलावा यह कई अन्य तरह से भी उपयोगी और प्रभावी है। अब बोटोक्स का इस्तेमाल चिकित्सा के कई क्षेत्रों जैसे- आंखों, अंत:स्रावी ग्रंथियों, मूत्रतंत्र, महिलाओं के प्रजनन तंत्र और सबसे महत्वपूर्ण तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं में किया जाता है।वास्तव में जब भी मांसपेशियों की अतिक्रियाशीलता के कारण समस्या होती है तो बोटोक्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो तनाव और खिंचाव को कम करने में सहायता करता है। आइए जानते हैं किन-किन स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में कारगर है बोटोक्स...
ब्लेफैरोस्पास्म
यह एक तंत्रिका तंत्र से संबंधित है जिसमें पलकें जबरन बंद हो जाती हैं। इसमें पलकों में असामान्य ऐंठन होती है, आंखों की पलकें उस हद तक संकुचित हो जाती हैं कि मरीज को अपनी पलकों को खुला रखना मुश्किल होता है और उन्हें खोलने के लिए उन्हें अपने हाथों का इस्तेमाल करना पड़ता है।
यह पीड़ित के लिए बड़ी अप्रिय स्थिति हो सकती है। इसके उपचार के लिए बहुत थोड़ी मात्रा में बोटोक्स को लेकर इंजैक्शन द्वारा पलकों में लगा दिया जाता है। इससे उसे आंशिक रूप से बहुत आराम मिलता है।
हेमीफैशियल स्पास्म
यह चेहरे की मांसपेशियों का अनैच्छिक संकुचन है, जिसके कारण चेहरे के एक ओर फड़फड़ाहट होती है। इससे चेहरा थोड़ा विकृत दिखाई देता है और इसका उपचार आंखों के आसपास बोटोक्स का इंजैक्शन लगाने से किया जा सकता है और कभी-कभी चेहरे के निचले हिस्से में बोटोक्स का इंजैक्शन लगाने से भी आराम मिलता है।
मेगेस सिंड्रोम
यह वह स्थिति है जिसमें चेहरे के ऊपरी और निचले दोनों भागों की मांसपेशियां संकुचित होती हैं। इसे बोटोक्स से ठीक किया जा सकता है।
राइटर्स क्रैम्प
यह एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें मरीज को केवल लिखने में समस्या आती है। ऐसे लोग केवल एक या दो पेज लिख पाते हैं। उसके बाद उनके हाथ लिख नहीं पाते। इसलिए हाथों की अति सक्रियता को आराम देने के लिए बोटोक्स का इंजैक्शन दिया जाता है। सभी प्रकार के माइग्रेन में बोटोक्स की आवश्यकता नहीं होती, केवल गंभीर मामले, जिनमें अक्सर सिरदर्द होता रहता है और वह भी तब जब दूसरे उपचारों के बाद भी इसमें कोई सुधार नहीं आता बोटोक्स की जरूरत पड़ सकती है।
बोटोक्स कैसे काम करता है
बोटोक्स का इंजैक्शन तीन महीने के अंतराल पर लगाना चाहिए। इसे लगाने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसे बिल्कुल ठीक स्थान पर लगाया जा सके। बोटोक्स कई चिकित्सीय स्थितियों का प्रभावी उपचार उपलब्ध कराती है। इसके साइड इफैक्ट्स भी कम हैं। कितना डोज लेना है, इंजैक्शन कहां लगाना है, किस प्रकार की सीरिंज और सूई का इस्तेमाल किया जाएगा, इस सबका निर्णय बोटोक्स का इंजैक्शन लगाने वाले विशेषज्ञ द्वारा किया जाएगा।
क्या है बोटोक्स?
बोटुलिनम टॉक्सिन एक न्यूरोटॉक्सिन पदार्थ है। इसे क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नामक जीवाणु और अन्य संबंधित प्रजातियों से प्राकृतिक तौर पर बनाया जाता है। अगर इसे खाया जाए तो इससे गंभीर फूट पॉइजनिंग हो सकती है। इसका इस्तेमाल इंजैक्शन के रूप में किया जाता है जिसकी वजह से नर्व्स और मसल्स के बीच एक किस्म की सीमा बन जाती है।

Ritisha Jaiswal
Next Story