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Life Style: खाने में कड़वा लेकिन फायदे में दवाइयों का भी बाप
Life Style: नीमा का उपयोग कई तरह के पारंपरिक कामों में किया जाता है। इसके अनेकों आयुर्वेदिक फायदे भी हैं। इसके बीजों में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन-ए काफी मात्रा में होता है। ये अनेक रोगों में गुणकारीbeneficial है। आयुर्वेद में नीम के वृक्ष के प्रत्येक अंग को महत्वपूर्ण माना गया है। नीम की हलचल की तीव्रता के कारण इसमें प्रकाश परिवहन क्रिया की गति अत्यधिक होती है, तथा इसके आधार पर अन्य हलचलों की अपेक्षा अधिक ऑक्सीजन मिलती है। आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि रोजाना नीम का दातुन करने से दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं और दांत में दर्द जैसी समस्या खत्म हो जाती है। नीमा की नई ताजी कोपलें खाने से खून शुद्ध होता है। नीमा की पत्ती के रस में शहद मिलाकर चाटने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं।
शरीर में खुजली हो जाने पर नीमा के पत्तों को पानी में डालकर नहाने से फायदा होता है।बरसात के दिनों में नीमा की छाल को पत्थर पर घिसकर उसके लेप टों से फोड़े-फुंसी ठीक हो जाते हैं। नीम के जले हुए पत्तों को जलाकर धीमी आंच से धुआं करने से मच्छर-मक्खी दूर भागते हैं। नीम के पत्तों को सुबह खाली पेट खाने से ब्लड शुगर नियंत्रित होता है। . नीम पेट के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है. इसमें उपस्थित गुण एसिडिटी में अत्यंत उपयोगी होते हैं और सुबह खाली पेट पानी में नीम की विशेषताSpeciality वाली खांसी पीने से एसिडिटी और पेट दर्द सब दूर हो जाता है। नीम के पाउडर को अन्य एंटी एक्ने जड़ी बूटियों जैसे- चंदन, गुलाब, हल्दी, मुलेठी के साथ मिलकर फेस पैक के रूप में चेहरे पर लगाया जा सकता है। नीम के एंटी-डिस्प्ले गुण शरीर से हानिकारक टॉक्सिन को हटाते हैं। ये रक्त को शुद्ध करते हैं और आपकी त्वचा को चमकाते हैं।