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जनता से रिश्ता वेबडेस्क| शुगर खान-पान और लाइफस्टाइल में खराबी की वजह से पनपने वाली बीमारी है। इस बीमारी में डाइट पर कंट्रोल नहीं रखा जाए तो शुगर को कम नहीं किया जा सकता। जहां डाइट में कुछ फूड्स का सेवन करने से शुगर बढ़ती है, वहीं ऐसी कई चीज़ें हैं जिनका सेवन करने से शुगर कंट्रोल रहती है। औषधीय गुणों से भरपूर ज़ैतून के तेल के बारे में तो आप जानते ही होंगे इसके सेहत के लिए बेहद फायदे हैं। ज़ैतून के तेल की तरह ज़ैतून के पेड़ की पत्तियां भी शुगर को कंट्रोल करने में बेहद असरदार है। ज़ैतून की पत्तियां शुगर कंट्रोल करने के साथ ही कई बीमारियों का उपचार भी करती है। ज़ैतून की पत्तियों का इस्तेमाल आप काढ़ा बना कर कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि ज़ैतून की पत्तियों के सेहत को कौन-कौन से फायदे हो सकते हैं और इसका काढ़ा कैसे तैयार कर सकते हैं।
जैतून के पत्तों के गुण:
एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर जैतून के पत्ते ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल में रखते हैं। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि जैतून की पत्तियों का रस पीने से शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होता है।
जैतून की पत्तियों का काढ़ा कैसे तैयार करें:
काढ़ा बनाने के लिए जैतून की 10-12 पत्तियां लें। उन्हें अच्छी तरह से वॉश कर लें।
पत्तियों को साफ करके एक कप पानी के साथ इन पत्तियों को उबलने दें। जब पत्तियां अच्छी तरह उबल जाएं तो इसमें काली मिर्च या फिर लौंग के कुछ दानों को कूटकर पानी में डाल दें और थोड़ी देर उबलने दें।
पानी उबलकर आधा रह जाए तो इसे आंच से उतार लें और उसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और गुनगुना होने पर उसका सेवन करें।
जैतून का काढ़ा पीने के फायदे:
जैतून का काढ़ा इम्यूनिटी को इम्प्रूव करता है। कोरोनाकाल में इसका सेवन बेहद असरदार साबित होगा।
याददाश्त को दुरुस्त रखता है जैतून की पत्तियों का काढ़ा। अगर आपको भूलने की आदत हो गई है तो इसका सेवन करके आप अपनी मेमोरी इम्प्रूव कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करता है जैतून की पत्तियों का काढ़ा। यह बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है जिससे दिल की बीमारियों और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम होता है।
इस काढ़े का सेवन करने से स्किन में निखार आता है, स्किन प्रॉब्लम का बेस्ट सॉल्यूशन है यह काढ़ा।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।