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लाइफ स्टाइल
लंबे समय तक सिंगल रहने से आप एंग्जायटी के हो सकते है शिकार
Ritisha Jaiswal
23 Aug 2022 3:55 PM GMT
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कुछ लोगों को अपनी जिंदगी अकेले गुज़ारने में मजा आता है. ना किसी की दखलअंदाजी, ना किसी काम में रोक-टोक, जब मन किया घूमने चले गए, जब मन किया घर लौट आए
कुछ लोगों को अपनी जिंदगी अकेले गुज़ारने में मजा आता है. ना किसी की दखलअंदाजी, ना किसी काम में रोक-टोक, जब मन किया घूमने चले गए, जब मन किया घर लौट आए. किसी के लिए खाना बनाने का झंझट नहीं, जब भूख लगी कुछ भी बनाया और खा लिया. ऐसी जिंदगी भला शादी के बाद कहां किसी को नसीब होती है. आजकल कई पुरुष और महिलाएं शादी करने की बजाय अपनी जिंदगी की गाड़ी को अकेले ही रहकर आगे बढ़ाना चाहते हैं. अविवाहित होने का मतलब खुद से प्रेम करना, आत्म-निर्भर रहना, किसी भी बंधन से आजाद रहना, जीवन की महत्वाकांक्षाओं को अपने अनुसार पूरा करना, लेकिन सवाल ये उठता है कि कब तक कोई अकेला रह सकता है?
आप 1 साल, दो साल या पांच साल अकेले रह सकते हैं, लेकिन जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाएगी, आपको किसी के साथ की ज़रूरत महसूस होगी. अपनी भावनाओं, खुशियों, दुख-दर्द को बांटने के लिए. जान लीजिए कि लंबे समय तक अकेलापन आपको मानसिक रूप से बीमार कर सकता है. आपको अकेला रहना 25 से 30 वर्ष की उम्र में अच्छा लग सकता है, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ हर किसी को एक साथी, सहारे की ज़रूरत महसूस होने लगती है. लंबे समय तक सिंगल, अकेले, अविवाहित रहने के कुछ मेंटल, फिजिकल और साइकोलॉजिकल नुकसान भी होते हैं.
सिंगल होने के नुकसान
ब्लिसफुलीपिल्स डॉट कॉम में छपी एक खबर के अनुसार, अकेलेपन का दौर एक खूबसूरत अहसास है, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी होते हैं. हाल के एक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग रिलेशनशिप में होते हैं, वे अपने दर्द को सहन कर सकते हैं. अपने जीवनसाथी के साथ बिताए गए अच्छी यादों को याद करके किसी भी तरह की शारीरिक परेशानियों से उबर सकते हैं. वहीं, जो लोग लंबे समय से सिंगल हैं, वे भी बिना किसी इमोशनल कंफर्ट के उस परेशानी का अनुभव करते हैं.
इमोशनल सपोर्ट की होती है कमी
जो लोग अविवाहित होते हैं और सिंगल रहते हैं, उनमें इमोशनल सपोर्ट की कमी होती है. नतीजतन, लंबे समय तक अकेले रहने के मनोवैज्ञानिक प्रभाव मुख्य रूप से खराब मानसिक स्वास्थ्य, डिप्रेशन, दर्द, शारीरिक परेशानी आदि के रूप में सामने आते हैं. कुछ लोगों का मेंटल हेल्थ काफी प्रभावित होता है.
सेहत पर पड़ता है नेगेटिव असर
जब आप रिश्ते में होते हैं तो अधिक खुश रहने की संभावना होती है और मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर के खिलाफ इम्यूनिटी भी मजबूत बनती है, लेकिन सिंगल होने पर ऐसा नहीं होता है. शोध से पता चलता है कि 54% लोग जो बहुत लंबे समय तक सिंगल रहते हैं, उनमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं, जो बाद में उनके लव लाइफ को भी प्रभावित करती हैं. लंबे समय तक अविवाहित रहने वालों में सबसे आम स्वास्थ्य समस्याएं हैं एंग्जायटी, डिप्रेशन, सुसाइडल बिहेवियर, नींद न आना, मूड डिसऑर्डर, निराशा आदि.
जो लोग रिलेशनशिप में होते हैं वे अपनी समस्याओं को एक-दूसरे के साथ शेयर करते हैं, जिससे मेंटल टेंशन कम होता है. इसके विपरीत, अविवाहित लोगों के पास अपनी समस्याओं पर चर्चा करने के लिए कोई नहीं होता है, जिससे उन्हें डिप्रेशन और अकेलेपन का खतरा होता है, जिसका मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. सिंगल लोगों को बीमार पड़ने पर डॉक्टर के पास जाने के लिए मोटिवेट करने वाला कोई नहीं होता, जबकि शादीशुदा लोग एक-दूसरे का हर तरह से मोटिवेट करते हैं.
भावनात्मक स्थिरता में आती है कमी
एक अध्ययन के अनुसार, बहुत लंबे समय तक सिंगल रहने से भावनात्मक स्थिरता और आत्म-मूल्य (Self-worth) में कमी आती है. एक व्यक्ति जो लंबे समय से सिंगल है, उसका किसी रिश्ते में ना होने से मानसिक रूप से पीड़ित होने की अधिक संभावना होती है. हेल्दी पार्टनरशिप स्थिरता और सुरक्षा की भावना प्रदान करती है.
उम्र होती है कम
लंबे समय तक अविवाहित यानी सिंगल रहना मृत्यु दर का प्रमुख कारण है. अकेलापन आपकी सेहत के लिए उतना ही खतरनाक हो सकता है, जितना कि एक दिन में 15 सिगरेट पीना. लंबे समय तक अविवाहित रहने से हृदय रोग के कारण मृत्यु होने का रिस्क बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि जो लोग लंबे समय से सिंगल हैं, उनका जीवनकाल कई कारणों से छोटा हो सकता है. इनमें सेहत को अधिक लाभ नहीं होता है, लॉन्ग-टर्म रिलेशनशिप में नहीं होने से भावनात्मक और सामाजिक सपोर्ट की कमी होती है.
रिश्ते में रहने के अनिच्छुक
जो लोग लंबे समय तक सिंगल रह जाते हैं, उन्हें बाद में किसी भी तरह का रिलेशनशिप डेवलप करने, उसमें रहने में दिक्कत महसूस होने लगती है. इन्हें किसी को जल्दी प्यार करना मुश्किल काम लगने लगता है. इसके अलावा नींद भी प्रभावित होती है. लंबे समय तक सिंगल होने से आप अकेलापन, सोशल आइसोलेशन में घिर जाते हैं, जिससे नींद भी बुरी तरह से प्रभावित होती है. अकेलापन तब महसूस होता है, जब भावनात्मक सपोर्ट का लेवल कम हो जाता है. इसके विपरीत, किसी के साथ रहने को बेहतर नींद से जोड़ा गया है.
Tagsएंग्जायटी
Ritisha Jaiswal
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