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लाइफ स्टाइल
बारिश में होने वाली इन 5 स्किन एलर्जी से रहें सावधान, इस तरह करें इलाज
Kajal Dubey
22 July 2023 3:28 PM GMT
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बारिश का मौसम भले ही आपको गर्मी से राहत दे सकता है लेकिन यह कई तरह की त्वचा से जुड़ी परेशानियाँ भी लेकर आता है। दरअसल, इस दौरान मौसम में नमी रहती है जो त्वचा के अच्छी नहीं मानी जाती है। वातावरण की नमी और उमस बैक्टीरिया और फंगस को पनपने में सहायक होती है। जिसकी वजह से ऐलर्जीज़, स्किन इंफेक्शन्स और स्किन प्रॉब्लम्स होती है। त्वचा से जुड़ी परेशानियाँ भले ही जानलेवा नहीं होती है लेकिन तकलीफ जरुर होती है। ऐसे में अगर समय रहते त्वचा से जुड़ी इन परेशानियों का हल नहीं निकाला गया तो यह आगे जाकर परमानेंट स्किन डैमेज की वजह बन सकते हैं। मॉनसून स्किन प्रॉब्लम्स की सही ढंग से केयर की जाए और सावधानी बरती जाए तो इनसे समय रहते निजात पाई जा सकती है। ऐसे में आज हम यहां मॉनसून में होने वाली कॉमन स्किन प्रॉबलम्स के बारे में आपको बताने जा रहे है साथ ही इन्हें ठीक करने के तरीकों के बारे में भी...
xहीट रैश
हीट रैश घमौरियों का ही एक प्रकार है। हीट रैश की वजह से शरीर में जगह-जगह पर रैशेज़ हो जाते हैं। इन रैशेज़ की वजह से खुजली की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। हीट रैश से छुटकारा पाने में कई बार एक से दो हफ्तें का समय लग जाता है। हीट रैश होने पर लोगों द्वारा खुजलाने की वजह से यह स्किन इंफेक्शन में तब्दील हो जाता है। हीट रैश की समस्या से छुटकारा पाने के लिए ढीले-ढाले कॉटन के कपड़े पहनें, ज़्यादा गर्मी और उमस में बाहर ना निकलें, ठंडे पानी से नहाएं और खुजली से राहत पाने के लिए कैलामाइन लोशन का इस्तेमाल करें।
एथलीट फुट
एथलीट फुट बरसात के मौसम में होने वाला एक आम फंगल इंफेक्शन है। यह अक्सर पैरों में हो जाता है खासतौर पर उंगलियों के बीच में। इसके होने का मुख्य कारण है उंगलियों के बीच पसीने का इकट्ठा होना या फिर लंबे समय तक गीले जूते पहनना या फिर पैरों का बारिश के पानी के संपर्क में आना। अगर आपको ये समस्या होती है तो बरसात के दिनों में बंद जूते पहनने की बजह क्रॉक्स, फ्लिप-फ्लॉप्स या फ्लोटर्स पहनें। नारियल के तेल में एंटी-फंगल गुण होते हैं इसलिए इंफेक्शन होने पर रात को सोते वक्त प्रभावित हिस्से पर नारियल का तेल लगाएं। इसके अलावा पसीने या नमी को कंट्रोल में रखने के लिए एंटीफंगल पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। बाहर से घर आने के बाद पैरों को ठीक से धोने की भी सलाह दी जाती है।
दाद
दाद त्वचा की ऊपरी परत पर होता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में बड़ी ही आसानी से फैल सकता है। वैसे तो दाद की समस्या किसी को भी किसी भी मौसम में हो सकती है लेकिन बरसात के मौसम में इसकी संभावना बढ़ जाती है। दाद एक तरह का फंगल इंफेक्शन होता है जो एक तरह के फंगस के संक्रमण से होता है, इसमें खुजली एवं जलन होती है तथा यह गोल चकत्तो के रूप में होते है। आमतौर पर दाद अंडरआर्म्स, गर्दन और गले के आसपास, कमर के आसपास और प्राइवेट पार्ट्स के आसपास होता है। दाद से छुटकारा पाने के लिए आप किसी भी केमिस्ट से ऑइंटमेंट ले सकते हैं। अपने कपड़ों को एंटिसेप्टिक सोल्यूशन और डिटर्जेंट के साथ गर्म पानी से धोएं। प्रभावित हिस्से को सूखा रखें और उसे बार-बार छुएं नहीं। दाद होने पर भोजन में लौंग का प्रयोग करें। इसके सेवन से फंगल संक्रमण दूर होता है।
इसके साथ ही नारियल का तेल त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए अच्छा माना जाता है। यह न सिर्फ खुजली वाली त्वचा से राहत प्रदान करता है बल्कि त्वचा को चिकना और नरम भी बना देता है। इसलिए प्रभावित क्षेत्र पर नारियल का तेल लगाने से आराम मिलता है।
स्कैल्प इंफेक्शन
बारिश के मौसम में त्वचा के साथ-साथ स्कैल्प इंफेक्शन होना भी आम है। बरसात के मौसम में आपकी स्कैल्प ज्यादा ऑयली हो सकती है। ऐसी सूरत में आपको काफी खुजली हो सकती है। इसके अलावा स्कैल्प पर छोटे-छोटे दाने या फुंसियां होना भी बारिश के दिनों में आम बात है। स्कैल्प इंफेक्शन से छुटकारा पाने के लिए बारिश में भीग जाने के बाद बालों को साफ पानी से ज़रूर धोएं, हो सके तो शैंपू भी कर लें। गीले बालों को भूल के भी ना बांधे। बालों को सुखाने के लिए ड्रायर का इस्तेमाल भी कर सकते है। बारिश के दिनों में वर्काउट के बाद या तो बालों को अच्छी तरह हवा में सुखाएं या फिर धो कर ड्रा
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