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हाई बीपी को कंट्रोल करेगी केले की जड़, जानें कैसे

Ritisha Jaiswal
11 Feb 2022 7:24 AM GMT
हाई बीपी को कंट्रोल करेगी केले की जड़, जानें कैसे
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आज के समय में अधिक लोग हाई ब्लडप्रेशर की समस्या से ग्रस्त है। इसके लिए जीनवभर दवाओं का सहारा लेना पड़ता है

आज के समय में अधिक लोग हाई ब्लडप्रेशर की समस्या से ग्रस्त है। इसके लिए जीनवभर दवाओं का सहारा लेना पड़ता है। कई बार हम इसे मामूली समस्या समझकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन ये घातक साबित हो सकता है। आजकल तनावपूर्ण जीवनशैली की वजह से युवाओं में भी इसके लक्षण नजर आने लगे हैं। इसे कंट्रोल करने के लिए केले की जड़ को अच्छा माना जाता है। दरअसल, केले की जड़ पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें विटामिन ए, बी और सी, सेरोटोनिन, टैनिन, डोपामाइन आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। केले की जड़ न केवल हाई ब्लडप्रेशर में बल्कि कई बीमारियों के इलाज में कारगर माना जाता है तो चलिए जानते हैं किन- किन बीमारियों में लाभदायक होती है केले की जड़-

हाई ब्लड प्रेशर में फायदेमंद-
केले की जड़ को हाई ब्लड प्रेशर में फायदेमंद माना जाता है। आप इसके रस का सेवन कर सकते हैं। इससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और कम करने में मदद मिल सकती है।
आखों की समस्या में देता है राहत-
केले की जड़ में विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिसके सेवन से आंखों को स्वस्थ रखने में काफी मदद मिल सकती है। इसके नियमित सेवन से आंखों को और भी कई फायदे मिलते हैं।
डायबिटीज में भी फायदेमंद-
डायबिटीज के मरीजों के लिए भी केले की जड़ को लाभदायक माना जाता है।दरअसल ये शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को नियंत्रित रखता है। इसकी कडवाहट मधुमेह का इलाज होती है।
अस्थमा के मरीज करें सेवन-
अस्थमा के मरीजों को केले की जड़ का सेवन करना चाहिए। केले की जड़ में ज्वरनाशक गुण पाए जाते हैं, जो श्वसन रोगों के लिए सही माने जाते हैं। अगर आप कम से कम एक सौ ग्राम ताजा केले की जड़ को हफ्ते में दो से तीन बार पानी में उबाल लें, तो आपको बहुत जल्द आराम मिल सकता है।
अल्सर में उपयोगी है केले की जड़ का सेवन-
केले की जड़ों में डोपामाइन की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिससे गैस्ट्रिक एसिड को खत्म करने में मदद मिलती है। इससे बने काढ़े के सेवन से पेट संबंधी बीमारी अल्सर की शुरुआत को रोकने में मदद मिल सकती है।
ऐसे करें सेवन-
100 ग्राम के आसपास ताजा केले की जड़ों को पानी में उबालें और उस काढ़े का दिन में 2-3 बार उसका सेवन करें। इससे आपको राहत मिलेगी।


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