- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- आयुर्वेद ने बताया है...
लाइफ स्टाइल
आयुर्वेद ने बताया है मानसून से जुड़े खान-पान के नियम, इन्हें फॉलो करने से बीमारियां रहेगी कोसों दूर
Neha Dani
19 July 2022 6:25 AM GMT
x
एलोवेरा, हल्दी, और गुलाब जैसे एसेंशियल ऑयल को हर्बल पाउडर, शॉवर वॉश व साबुन के रूप में शामिल किया जा सकता है।
मानसून का मौसम यूं तो काफी अच्छा लगता है। भीषण गर्मी के बाद बारिश की बूंदे मौसम को काफी ठंडा कर देती हैं, जिससे काफी राहत का अहसास होता है। हालांकि, इस मौसम में आर्द्रता का स्तर बढ़ जाता है। जिसके कारण सेहत व स्किन दोनों को ही नुकसान हो सकता है। इतना ही नहीं, बढ़ी हुई नमी का स्तर पाचक अग्नि को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर में टॉक्सिन जमा होने लग जाते हैं। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हर व्यक्ति अपनी सेहत पर अतिरिक्त ध्यान दें और इन सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए कुछ अतिरिक्त उपाय अपनाए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही आयुर्वेदिक उपायों के बारे में बता रहे हैं, जो मानसून में आपका ख्याल रखने में मदद करेंगे-
खानपान में रखें इन बातों का ख्याल
• आयुर्वेद के अनुसार, इस मौसम में आहार में कसैले, हल्के कड़वे और तीखे खाद्य पदार्थों को शामिल करें। साथ ही साथ, आपको अत्यधिक नमकीन खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये शरीर में वाटर रिटेंशन के लिए जिम्मेदार होते हैं जिससे सूजन हो सकती है। इसमें इमली और टमाटर जैसे प्राकृतिक रूप से खट्टे खाद्य पदार्थों से परहेज करना शामिल है।
• शरीर में दोषों की स्थिति को बैलेंस करने और शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के लिए करेला, और नीम, हल्दी और मेथी सहित कड़वी जड़ी बूटियों सहित कड़वी सब्जियां खा सकते हैं।
• विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए ढेर सारे तरल पदार्थ पीएं। साथ ही केवल ताजा, अच्छी तरह पका हुआ खाना ही खाएं।
• हर्बल चाय, विशेष रूप से अदरक, काली मिर्च, शहद, पुदीना और तुलसी के पत्तों से तैयार जीवाणुरोधी गुणों वाली चाय का सेवन करना लाभदायक हो सकता है। साथ ही, कॉफी और चाय के अत्यधिक सेवन से शरीर के तरल पदार्थ निर्जलित हो जाते हैं, इसलिए इनसे बचना चाहिए।
• उपवास या व्रत करना शरीर को डिटॉक्स करने का एक आयुर्वेदिक तरीका है। इसलिए, मानसून के मौसम में सप्ताह में कम से कम एक बार व्रत अवश्य करें।
इन फलों का पकने का न करें इंतजार, कच्चे खाने से ही मिलेंगे ढेर सारे फायदेइन फलों का पकने का न करें इंतजार, कच्चे खाने से ही मिलेंगे ढेर सारे फायदे
मानसून के मौसम में नहाते समय अपनाएं यह आयुर्वेदिक उपाय
• चूंकि यह वात वृद्धि का मौसम है, इसलिए नहाने या गर्म स्नान करने से आधे घंटे पहले ठंडे तिल या नारियल के तेल से मालिश करना काफी फायदेमंद हो सकता है।
• इस मौसम में पैरों की अतिरिक्त केयर करना जरूरी होता है। इसके लिए, आप कुछ ताजे नीम के पत्ते या त्रिफला चूर्ण को पानी में उबाल सकते हैं। पानी को ठंडा होने दें और फिर इस शुद्ध पानी से अपने पैर धो लें। यह हर हफ्ते एक बार किया जा सकता है।
• मानसून के मौसम में शरीर को डिटॉक्स करना महत्वपूर्ण होता है, इसलिए अपने बाथिंग रूटीन में नीम, चंदन, चमेली, एलोवेरा, हल्दी, और गुलाब जैसे एसेंशियल ऑयल को हर्बल पाउडर, शॉवर वॉश व साबुन के रूप में शामिल किया जा सकता है।
Next Story