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स्ट्रेस, कमजोरी को छोड़कर ,इन वजहों से भी महीने में दो बार आ सकते हैं पीरियड्स
पीरियड्स प्रॉब्लम : क्या आपको भी महीने में दो बार पीरियड्स आते हैं? अगर ऐसा है तो इसे हल्के में लेने की गलती न करें। ऐसा होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं। जिससे सिर्फ मेंस्ट्रुअल सायकल पर ही नहीं बल्कि ओवरऑल हेल्थ पर प्रभाव पड़ता है। इस समस्या को जितना जल्द हो सके समझें और इसे ठीक करने के उपायों पर गौर करें।महीने में दो बार पीरियड्स आने की वजहें स्ट्रेस, कमजोरी, थाइरॉयड के चलते हो सकते हैं अनियमित पीरियड्स अभी हाल ही में मेरी एक फ्रेंड से बात हुई, तो उसने मुझे बताया कि वो आजकल बहुत स्ट्रेस में है ऑफिस में काम के प्रेशर के चलते। न खाना-पीना सही से हो पा रहा है, न ही सोना। जिस वजह से मूड चिड़चिड़ा रहता है, शरीर में जगह-जगह दर्द शुरू हो गया है, फिजिकल एक्टिविटी जीरो होने की वजह से मोटापा बढ़ रहा है, बाल झड़ रहे हैं, चेहरे की रौनक ही गायब हो गई है और सबसे अजीब बात कि महीने में दो बार पीरियड्स आने लगे हैं। उसने मुझे बोला कि शायद खाना न खाने की वजह से कमजोरी के चलते ऐसा हो रहा है। जिसके बाद मैंने इसके बारे में पढ़ा और एक्सपर्ट से बात कि, तो उन्होंने मुझे बताया कि सिर्फ कमजोरी ही नहीं इसकी एकमात्र वजह, बल्कि कुछ और कारणों से भी महीने में दो बार पीरियड्स आ सकते हैं।
वैसे तो आजकल ज्यादातर महिलाएं इरेग्यलर पीरियड्स से परेशान रहती हैं। डॉक्टर्स की मानें तो एवरेज मेंस्ट्रुअल सायकल 28 दिनों का माना जाता है, लेकिन कई बार यह पहले भी आ सकता है या थोड़ा लेट भी। इसके अलावा महीने में दो बार पीरियड का आना कभी-कभार तो नॉर्मल है, लेकिन अगर हर महीने ही दो बार पीरियड हो रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें और डॉक्टर से कंसल्ट करने में देरी न करें।स्ट्रेस तनाव का सीधा असर हमारी हेल्थ पर पड़ता है। स्ट्रेस हार्मोन बढ़ने पर पीरियड्स बहुत लंबे या छोटे हो सकते हैं। यहां तक कि महीने में दो बार भी पीरियड्स आने की भी प्रॉब्लम हो सकती है। इसे लेकर एक रिसर्च भी हुई थी जिसमें पाया कि हाई स्ट्रेस लेवल इररेगुलर पीरियड्स से सीधे तौर पर जुड़ा है। स्ट्रेस में रहने की वजह से हैवी ब्लीडिंग होने से लेकर पीरियड्स मिस भी हो सकते हैं।वजन बढ़ना या घटना अचानक से वजन बढ़ने या घटने पर भी इररेगुलर पीरियड्स की प्रॉब्लम हो सकती है क्योंकि इस दौरान हार्मोन्स में कई तरह के बदलाव आते हैं। जिससे महीने में दो बार पीरियड्स हो सकते हैं।थायरॉइड होने पर थायरॉइड की प्रॉब्लम में भी पीरियड्स अनियमित रहते हैं। प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन ये दो हार्मोन मेंस्ट्रुअल सायकल को कंट्रोल करते हैं। इन हार्मोन्स का प्रोडक्शन थायरॉइड ग्रंथि से होता है, इसी वजह से थायरॉइड की समस्या होने पर ये सायकल बिगड़ जाता है। ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि, हाइपरथायरॉइडिज्म मासिक चक्र में देरी का कारण बनता है, जबकि हाइपोथायरॉइडिज्म मासिक चक्र के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होती है। और तो और पीरियड्स एक की जगह दो बार आ सकता है।
वजाइनल इन्फेक्शन कई बार महीने में दो बार पीरियड्स आने की वजह वजाइनल इंफेक्शन भी हो सकता है। वजाइना में सूजन, रूखापन, हमेशा गीलापन रहने से भी पीरियड्स के समय बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है या महीने में दो बार पीरियड्स भी हो सकते हैं।महीने में दो बार पीरियड आने से बचने के टिप्सकिसी भी तरह के स्ट्रेस को खुद पर हावी न होने दें। स्ट्रेस दूर करने से पीरियड सायकल तो सही हो ही जाएगा साथ ही और भी कई समस्याओं से राहत मिलेगी।बहुत हैवी एक्सरसाइज करना अवॉय करें क्योंकि इससे भी पीरियड इररेगुलर हो जाते हैं।दिनभर में कम से कम 4-5 लीटर पानी जरूर पिएं। इससे बॉडी हाइड्रेट रहती है, शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं और पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतें भी दूर होती हैं।योग पीरियड्स से जुड़ी कई समस्याओं से राहत दिलाता है, तो इसे अपने रूटीन में शामिल करें।