साइबर ठगों द्वारा ‘डिजिटली’ बंधक मामले में पुलिस के हाथ खाली
रेवाड़ी: शहर की एक छात्रा से साइबर ठगों द्वारा ह्यूमैन ट्रैफकिंग आदि का डर दिखाकर 17 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखने के मामले में पुलिस के हाथ 23 दिन बाद भी खाली है. पुलिस ने इस बाबत चार की रात अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
पुलिस का दावा है कि साइबर थाना एनआईटी द्वारा गठित एक्सपर्ट की टीम आरोपियों की तलाश में जुटी है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. दरसअल, मामला एक को प्रकाश में आया था जब फरीदाबाद के सेक्टर-21 में रहने वाली आईटी की छात्रा ने एनआईटी साइबर थाना को शिकायत दी थी. पीड़िता ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि साइबर ठगों ने उन्हें 12 से 30 अक्तूबर तक डिजिटल अरेस्ट रखा था. करीब ढाई लाख रुपये लेने के बाद उसे छेाड़ा . पीड़िता ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि वह कनाडा जाने वाली है. उसने कनाडा स्थित एक युनिवर्सिटी में दाखिला लिया है. 12 अक्तूबर को उसके मोबाइल फोन पर एक कॉल आया. कॉल करने वाले व्यक्ति ने अपने आपको यूपी के लखनऊ में स्थित कस्टम विभाग का अधिकारी बताया. साथ ही कहा कि उसके नाम से एक पार्सल कंबोडिया नामक देश जा रहा है. उसके अधार कार्ड नंबर से बनाए गए कई पासपोर्ट और कुछ सिम कार्ड वहां भेजे जा रहे हैं. पीड़िता के अनुसार उसने किसी प्रकार के पार्सल से मना कर दिया. साथ ही कहा कि उसके आधार कार्ड नंबर से कोई फर्जी पासपोर्ट नहीं बनाए गए होंगे.
लाखों लेने के बाद पीछा छोड़ा
आरोपी पीड़ित से 15 लाख की मांग कर रहे थे. लेकिन उसने पैसे देने से इंकार कर दिया. उसके पास कनाडा जाने के लिए ढाई लाख रुपये थे. उन पैसों को उसने आरोपियों को ट्रांसफर किए. इसके बाद उसे जमानत मिलने की बात कहकर आरोपी स्काइप से आउट होने दिया.