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निगम अधिकारियों की लापवाही के चलते बागवानी कचरे से खाद बनाने की योजना फेल

Admin Delhi 1
5 Dec 2023 8:52 AM GMT
निगम अधिकारियों की लापवाही के चलते बागवानी कचरे से खाद बनाने की योजना फेल
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गुडगाँव: नगर निगम की कूड़े से खाद योजना एक बार फिर दम तोड़ती नजर आ रही है. योजाना के तहत नगर निगम ने दो साल पहले चारों जोन में अलग-अलग जगहों पर चार मशीनें लगाई थीं. निगम अधिकारियों की लापवाही के चलते यह मशीनें बंद पड़ी हुई हैं. वहीं बागवानी कचरे का निस्तारण और उठाने का काम नगर निगम द्वारा नहीं किया जा रहा है.

मार्च 2022 में नगर निगम ने वार्ड नंबर एक से लेकर छह तक और वार्ड-23 और वार्ड- में आठ मशीनों को लगाने की योजना बनाई थी. निगम ने करोड़ों रुपये खर्च करके इन मशीनों को लगा भी दिया, लेकिन आज तक निगम अधिकारी बागवानी कचरे से खाद बनाने की काम शुरू नहीं कर पाए हैं. जबकि उस समय लगाई गई मशीनों का रखरखाव नहीं होने के कारण मशीनें आज तक बंद पड़ी धूल फांक रही है. नगर निगम ने बागवानी कचरे और घरों से निकलने वाले गीले कचरे से खाद बनाने की योजना तैयार की थी. खाद बनाने के लिए नगर निगम ने सेक्टर-15 पार्ट-1 व 2 के सामुदायिक केंद्र, कमला नेहरू पार्क, डीएलएफ फेज-1, सेक्टर-7 एक्सटेंशन के पार्क में कूड़े से खाद बनाने का प्लांट लगाए गए थे. निगम ने एक प्लांट पर दस-दस लाख रुपये खर्च किए थे. घरों से गीला सूखा कूड़ा एकत्र करके इन प्लांटो के माध्यम से खाद बनाए जाने थे. इन पर आज तक कोई काम नहीं हो पाया है. वहीं अब मशीनें लगाने की योजना भी निगम अधिकारी सिरे नहीं चढ़ा पा रहे हैं. शहर के लिए सबसे गंभीर समस्या बागवानी कचरा शहर के लिए सबसे गंभीर समस्या है. अभी शहर से करीब सौ टन रोज कचरा निकल रहा है. निगम की तरफ से इसके उठाने और निस्तारण को लेकर कोई योजना अभी तक नहीं बनाई गई है. ऐसे में शहर के पार्कों और सार्वजनिक जगहों पर बागवानी कचरे के ढेर लग गए हैं. जिससे आसपास रहने वाले व राहगीरों के लिए यह बड़ी समस्या हो रही है. इससे पर्यावरण भी दूषित हो रहा है. इस वजह कूड़े के समस्या के निस्तारण को लेकर बेहद गंभीर नहीं है.

एक दिन में निकलता है सौ टन बागवानी कचरा नगर निगम के पास छोटे-बडे करीब 1100 पार्क हैं. इसके अलावा शहर में सभी सड़कों के व सेक्टरों के अंदर ग्रीन बेल्ट भी मौजूद हैं. निगम अधिकारियों के अनुसार शहर में रोजाना करीब सौ टन बागवानी कचरा निकलता है.
सेक्टर-10 में लगी बागवानी कचरे से खाद बनाने की मशीनें एक साल से बंद पड़ी हुई है. इसके अलावा अन्य वार्डों में लगाई गई मशीनें भी धूल फांक रही है.

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