बेसहारा पशुओं की वजह से होने वाले सड़क हादसों को रोकने की कवायद तेज़
फरीदाबाद: ठंड के दस्तक देते ही स्मार्ट सिटी में बेसहारा पशुओं की वजह से होने वाले सड़क हादसों को रोकने की कवायद यातायात पुलिस की ओर से एक बार फिर शुरू कर दी गई है. इस बार बेसहारा पशुओं के सींग पर रिफ्लेक्टर टेप लगाने के साथ गले में भी बांधे जाएंगे. इसके अलावा सड़क किनारे स्थित पेड़ पर भी ट्री-रिफ्लेक्टर लगाई जाएगी.
यातायात पुलिस के अनुसार बेसहारा पशुओं के गले में बंधी टेप और ट्री-रिफ्लेक्टर रात के समय दूर से ही दिखाई दे जाएंगे. इससे वाहन चालक को पशुओं की पहचान करने में आसानी होगी और वह किसी प्रकार के हादसे से बच सकेंगे. हालांकि अघिकारियों का कहना है कि पहले जिस रिफ्लेक्टर टेप का इस्तेमाल किया जाता था, जो रात के समय इतनी नहीं चमकती थी और जल्दी ही वह खराब हो जाती थी. ऐसे में अब ज्यादा चमकीली टेप जगह-जगह लगाए जाएंगे. पशुओं और पेड़ पर रिफलेक्टर लगाने का कार्य अगले महीने से शुरू किया जाएगा. मौजूदा समय में विभाग इसकी तैयारी कर रही है. साथ ही आकलन कर रही है कि जिले में कितने पेड़ सड़क किनारे हैं. साथ ही बेसहरा पशुओं की जानकारी नगर निगम से मांगी जा रही है.
अगले महीने से सड़क पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं के सिंग और गले में रिफ्लेक्टर टेप टांगे जाएंगे. साथ ही सड़क के किनारे पेड़ों पर भी रिफ्लेक्टर लगाए जाएंगे. विभाग अभी से ही कोहरा से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है, ताकि हादसे न हो.
-अमित यशवर्धन, डीसीपी ट्रैफिक
जानकारी के अनुसार स्मार्ट सिटी में 15 हजार से अधिक बेसहरा पशु हैं, जो सड़कों पर रहते हैं. इससे अक्सर हादसे की आशंका बनी रहती है. स्थानीय लोगों के अनुसार शहर के अधिकांश सड़कों पर इनका जमावड़ा रहता है. इससे हादसे की आशंका बनी रहती है. स्थानीय लोगों ने बताय कि सड़क किनारे पड़े कूड़ों में चारा ढूढ़ने के पशु पहुंचते हैं. स्मार्ट सिटी में आगरा नहर रोड, बाइपास रोड, फरीदाबाद-गुरुग्राम रोड, सूरजकुंड-पाली रोड आदि कई ऐसे मार्ग हैं जहां स्ट्रीट लाइट्स की व्यवस्था नहीं है. अगर कहीं है भी तो वह खराब रहती है. ऐसे में रात के समय इन सड़कों पर चारा की आस में पशुओं का घूमना अधिक रहता है. लिहाजा अंधेरे में बेसहारा से हादसे की आशंका रहती है.