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समय से अनबन चल रही थी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | 9 अक्तूबर 1964 की शाम यानि गुरु दत्त की मौत के ठीक एक दिन पहने आर्क रॉयल की बैठक फिल्म 'बहारे फिर भी आएंगी' की नायिका के मरने की कहानी लिखने का काम चल रहा था। अबरार ने बताया कि जब वो शाम को सात बजे के आसपास वहां पहुंचे तो माहौल बिल्कुल अलग था। गुरु दत्त शराब में डूबे हुए थे। उनके चेहरे पर तनाव और अवसाद साफ झलक रहे थे। उन्होंने गुरु के सहायक रतन से पूछा कि बात क्या है? अबरार ने बताया था कि उन दिनों गुरु दत्त और उनकी पत्नी के बीच काफी समय से अनबन चल रही थी। गुरु दत्त अपनी निजी जिंदगी को लेकर परेशान थे। जब भी दोनों की फोन पर बात होती तो उसमें झगड़ा ही होता। हर फोन के बाद गुरु दत्त के चेहरे पर तनाव और गुस्सा दोनों बढ़ जाता था।
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