जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारतीय सिनेमा इंडस्ट्री में इन दिनों गम का माहौल है। सिनेमा जगत को पिछले कुछ दिनों में लगातार झटके मिले हैं, जिसमें इसने अपने बहुत से चमकते सितारों को खो दिया है। निधन की खबरों के बीच अब इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चित फिल्म 'द केरल स्टोरी' के निर्देशक सुदीप्तो सेन की तबीयत को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि 'द केरल स्टोरी' के निर्देशक सुदीप्तो सेन की तबीयत अचानक बिगड़ गई है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार सुदीप्तो सेन के बीमार पड़ने की वजह भी सामने आ गई है।
'द केरल स्टोरी' के निर्देशक सुदीप्तो सेन इन दिनों लगातार अपनी फिल्म का प्रचार कर रहे हैं। बैन और विरोध का सामना करने के बावजूद, फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। हालांकि, अत्यधिक सफर और प्रचार करने के कारण फिल्म निर्माता बीमार पड़ गए हैं। जी हां, रिपोर्ट के अनुसार सुदीप्तो सेन को लगातार सफर के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है और अन्य शहरों में प्रचार-प्रसार के कार्यक्रमों को रोक दिया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुदीप्तो सेन ने ठीक होने के बाद 10 शहरों में द केरल स्टोरी को प्रमोट करने की योजना बनाई है। रिपोर्ट में एक सूत्र का भी जिक्र है, जिसने बताया, 'सुदीप्तो सेन टीम के साथ केरल स्टोरी का प्रचार करने के लिए लगातार यात्रा कर रहे हैं और ज्यादा सफर के कारण वह बीमार पड़ गए हैं। यही कारण है कि प्रचार योजना और शहर का दौरा रोक दिया गया है।' 5 मई को रिलीज हुई, 'द केरल स्टोरी' में केरल राज्य की तीन लड़कियों की कहानी दिखाई गई है, जिनका आईएसआईएस द्वारा ब्रेनवॉश किया जाता है और उनका धर्मांतरण कर दिया जाता है। फिल्म में अदा शर्मा, योगिता बिहानी, सोनिया बलानी और सिद्धि इदवानी हैं। फिल्म में कलाकारों के अभिनय को दर्शकों ने खूब सराहा है।
पश्चिम बंगाल में फिल्म पर बैन लगने के बारे में बात करते हुए, सुदीप्तो सेन ने एएनआई को बताया था कि, 'फिल्म के कारण राज्य में एक भी अप्रिय घटना नहीं हुई है। फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का फैसला राजनीति से प्रेरित है। मैं उनसे फिल्म देखने और फिर कोई फैसला लेने का अनुरोध करता हूं..मैं कोई राजनेता नहीं हूं, मैं एक फिल्म निर्माता हूं। मैं केवल एक फिल्म बना सकता हूं, आप इसे देखना चाहते हैं या नहीं, यह आप लोग तय करेंगे। चार दिनों के लिए जब फिल्म कोलकाता में रिलीज हुई तो कोई समस्या नहीं थी, अचानक दीदी को लगा कि कानून और व्यवस्था के मुद्दे हो सकते हैं, महुआ मोइत्रा और ममता बनर्जी मुक्त भाषण और मानवाधिकारों की चैंपियन हैं।'