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महाविद्यालय में उनकी एक प्रतिमा स्थापित की गई।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | बॉलीवुड के सिंगर और संगीतकार कृष्णकुमार कुन्नथ, जिन्हें पूरे देश में 'केके' के नाम से जाना जाता है, उन सिंगर्स में से एक थे, जिन्हें एक मधुर आवाज का उपहार मिला था। लेकिन पिछले साल इस मधुर आवाज के मालिक केके हमें हमेशा-हमेशा के लिए छोड़कर चले गए। उनके निधन से न केवल फैंस को बल्कि म्यूजिक इंडस्ट्री को भी बड़ी क्षति पहुंची थी। लोग आज उनको याद करते हैं, तो आंखे नम हो जाती हैं। बीते दिन केके की पहली पुण्यतिथि थी और इस मौके पर देशभर में कई जगहों पर उन्हें अलग-अलग ढंग से याद किया गया। लेकिन सबसे खास कोलकाता का वह कॉलेज रहा, जहां पर सिंगर ने अपना आखिरी कॉन्सर्ट किया था क्योंकि वहां पर केके की याद में उनकी मूर्ति स्थापित की गई।
बीते दिन सिंगर केके को उनकी पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए कोलकाता के गुरुदास महाविद्यालय में उनकी एक प्रतिमा स्थापित की गई। यह वही कॉलेज है जहां 'याद आएंगे ये पल' के सिंगर ने अपने निधन से पहले आखिरी बार परफॉर्मेंस दिया था। एएनआई ने एक वीडियो साझा करते हुए इस बात की जानकारी दी है। एएनआई ने ट्वीट में लिखा, 'कोलकाता के गुरुदास कॉलेज में दिवंगत गायक केके की प्रतिमा स्थापित की गई, जहां उनका आखिरी म्यूजिक कॉन्सर्ट आयोजित किया गया था। केके का पिछले साल 31 मई को इसी कॉलेज में संगीत कार्यक्रम के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।'
सामने आई वीडियो में कॉलेज के अधिकारी और स्टूडेंट्स सभी सिंगर को श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े हैं। कलाकार को श्रद्धांजलि देने के लिए केके की मूर्ति पर छात्रों और कर्मचारियों द्वारा फूल रखे गए थे। स्थापना समारोह को कॉलेज प्रशासन ने संगीतमय टच भी दिया। एएनआई से बात करते हुए, स्थानीय पार्षद अमल चक्रवर्ती ने कहा, 'केके मधुर आवाज के साथ एक जादुई व्यक्ति थे। यह बहुत दुख की बात है कि गुरुदास कॉलेज का कार्यक्रम उनका आखिरी संगीत कार्यक्रम था।' दिवंगत गायक कृष्णकुमार कुन्नथ ने पिछले साल 31 मई की रात को अंतिम सांस ली थी। 53 वर्षीय गायक का कोलकाता के नजरूल मंच में एक कॉलेज फेस्ट में परफॉर्म करने के दौरान निधन हो गया था। प्रदर्शन के दौरान अस्वस्थ महसूस करने के बाद, उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मौत का कारण कथित तौर पर कार्डियक अरेस्ट था।
'हम दिल दे चुके सनम' का 'तड़प तड़प', 'बचना ऐ हसीनों' का 'खुदा जाने', 'ओम शांति ओम' का 'आंखों में तेरी', 'जिंदगी दो पल की' जैसे गानों को अपनी आवाज से सजाने वाले केके ने अपने लगभग तीन दशक लंबे करियर के दौरान हिंदी में 500 से अधिक गाने और तेलुगू, बंगाली, कन्नड़ और मलयालम भाषाओं में 200 से अधिक गाने गाए थे। उन्हें बेस्ट प्लेबैक सिंगर- पुरुष के लिए दो स्क्रीन पुरस्कार सहित कई अन्य अवॉर्ड्स से भी सम्मानित किया गया था।
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