जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सिटी ऑफ ड्रीम्स यानी सपनों का शहर। मुंबई शहर। एक ऐसा शहर जिसने सपने देखने वाले को कम ही निराश किया। ऐसे न जाने कितने सपनों की अनगिनत कहानियां मुंबई शहर अपने अंदर समेटे है। फिल्मों में करियर बनाने वालों के लिए यह शहर खास तो है ही , यहां की राजनीति भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रही है। महाराष्ट्र की राजनीतिक पृष्ठभूमि पर निर्देशक नागेश कुकुनूर की सीरीज 'सिटी ऑफ ड्रीम्स' का तीसरा सीजन ओटीटी प्लेटफार्म डिज्नी प्लस हॉट स्टार पर रिलीज हो चुका है
राजनीति एक ऐसी चीज है कि इंसान सिर्फ और सिर्फ अपने फायदे के लिए अपने परिवार तक को दांव पर लगा देता है। किसी तरह से सत्ता बची रहे, अगर इसके लिए अपने परिवार की कुर्बानी भी देनी पड़े तो इसमें उसे हिचक नहीं होती। यही गुणसूत्र है वेब सीरीज 'सिटी ऑफ ड्रीम्स' का।वेब सीरीज 'सिटी ऑफ ड्रीम्स' के तीसरे सीजन में मुख्यमंत्री पूर्णिमा गायकवाड अपने बेटे अमित की मौत के सदमे से उभरने की कोशिश कर रही हैं।
पूर्णिमा गायकवाड का पिता अमेय बेटी को बैंकॉक से वापस लाने की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर वसीम खान को देता है। मुंबई आने के बाद पूर्णिमा अपने पिता के साथ सामंजस्य बैठाने की कोशिश करती है। पिछले सीजन में जहां अमेय गायकवाड़ सत्ता में अपनी वापसी के लिए अपनी बेटी की कुर्सी हथियाने के लिए बेचैन था। वहीं इस सीजन में वह अपनी बेटी के समर्थन में है। सोच ये है कि किसी भी तरह से राज्य में उसकी सत्ता चलती रहे, इसके लिए वह कड़वे से कड़वा घूंट पीने को तैयार है।